कांगू-डैहर रोड पर मौत बनकर झूल रहीं चट्टानें

डैहर – बरसात के साथ ही प्रदेश में भारी बारिश से जहां एक ओर लोगों को प्रचंड गर्मी से राहत मिली है, वहीं पहाड़ों से मौत के रूप में खड़ीं चट्टानें व बदहाल सड़कों से गुजरने वाले वाहनों व राहगीरों के लिए अकाल हादसों में मौत को निमंत्रण दे रही हैं। कुछ ऐसा ही खतरा डैहर उपतहसील के कांगू-डैहर संपर्क मार्ग पर पिछले चार साल से मंडरा रहा है। सड़क को बने हुए चार साल हो गए। यहां से रोजाना वाहन चालकों व राहगीरों को अपनी जान जोखिम में डालकर संपर्क मार्ग से गुजरना पड़ रहा है। बताते चलें कि कांगू-डैहर संपर्क मार्ग पर अलसू श्रीअंबिका माता मंदिर से लेकर गासीनाला पुल तक चार साल पहले कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन निर्माण कार्य के दौरान निर्माण कंपनी द्वारा संपर्क मार्ग के हिस्से व साथ लगती पहाड़ी का कटान किया गया था। इसके बाद चार वर्ष बीत जाने के उपरांत भी न तो पहाड़ी पर से भारी भरकम चट्टानों व मिट्टी की बरसात के पानी से बचाव के लिए न तो कोई रॉक बोल्टिंग की गई और न ही सड़क से गुजरने वाले वाहन चालकों की सुरक्षा के लिए कोई भी चेतावनी बोर्ड लगाया गया है। हालांकि इसी स्थान पर बरसात में भारी मात्रा में पहाड़ी से भारी भरकम चट्टानों व मलबे के गिरने का क्रम जारी है, लेकिन फिर भी न तो निर्माण कंपनी और न ही प्रशासन द्वारा प्रदेश में हो रहे हादसों से सबक लेते हुए संपर्क मार्ग से गुजरने वाले वाहनों व यात्रियों की सुरक्षा को कोई प्रबंध किया है। इसी स्थान से लेकर गासीनाला तक 500 मीटर के दायरे में संपर्क मार्ग का कोई भी नामोनिशान तक नहीं बचा है, जिससे सड़क पर गहरे गड्ढे व खाइयां रोजाना संपर्क मार्ग से गुजरने वाले चालकों व यात्रियों के लिए अकाल दुर्घटनाओं को निमंत्रण दे रही हैं। चार वर्षों में कई बार सरकार के बड़े-बड़े मंत्री व नेतागण समेत प्रशासनिक अधिकारी भी मार्ग के इसी खस्ताहाल भाग से गुजर चुके हैं, लेकिन किसी का भी ध्यान इस ओर नहीं गया है। संपर्क मार्ग के इस भाग पर सड़क का कोई भी नामोनिशान तक नहीं बचा हुआ है। सड़क पूरी तरह से कच्ची है, जिसमें बडे़-बड़े पत्थर सड़क से ऊपर उठे हुए हैं। इससे आए दिन कई छोटे निजी वाहनों के चैंबर पत्थरों से टकराने के बाद क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिससे वाहन चालकों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।