पालमपुर —परमवीर चक्र विजेता कैप्टन बिक्रम बतरा का 19 वां शहीदी दिवस इन्नर व्हील क्लब के सदस्यों व राजकीय बिक्रम बतरा महाविद्यालय में मनाया गया । इस मौके पर शेरशाह के नाम से कारगिल युद्ध में ख्याति अर्ज कर चुके शहीद बिक्रम बतरा को पुष्पांजलि अर्पित की गई । इन्नर व्हील क्लब के सदस्यों व परमवीर चक्र विजेता शाहिद बिक्रम बतरा के पिता गिरधारी लाल बतरा व उनकी माता कमला बतरा ने शनिवार के दिन बिक्रम बतरा मैदान में स्थापित की गई शहीद की प्रतिमा पर अपनी श्रद्धांजलि भेंट की । बताते चलें कि शहीद विक्रम बतरा का जन्म नौ सितंबर, 1974 को गिरधारी लाल बतरा के घर हुआ था । दो बेटियों के बाद दो जुड़वा बेटे के जन्म पर परिवार में खुशियां मनाई गई, जिसमें शहीद बिक्रम बतरा व उनके भाई विशाल बतरा पैदा हुए थे। शहीद विक्रम बतरा ने जमा दो की परीक्षा केंद्रीय विद्यालय पालमपुर से की थी । उसके बाद उन्होंने 1997 में जम्मू-कश्मीर रायफल यूनिट में लेफ्टिनेंट के रूप में नियुक्ति पाई थी। बिक्रम बतरा एनसीसी एयर विंग के होनहार क्रेडिट भी थे मात्र शहीद विक्रम बतरा ने कारगिल युद्ध में अपनी बहादुरी का परचम लहरा कर पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों के दांत खट्टे ही नहीं किए बल्कि 4750, 4875, 5100 व 4875 की चोटियों पर पर भारतीय ध्वज लहरा कर विजय का ऐलान किया था। अंतिम चोटी पर कब्जा करने के बाद शहीद बिक्रम बतरा के मुंह से दिल मांगे मोर का नारा पूरे देश में गूंज उठा था । पाकिस्तानी सेना में शेरशाह के नाम से मशहूर विक्रम बतरा ने आखिरी दम तक पाकिस्तान समर्थित आंतकवादियों का मुकाबला करते हुए अपने साथियों को ही नहीं बचाया , बल्कि एक दर्जन से अधिक आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा था। उन्होंने कारगिल युद्ध में एक ऐसी वीर गाथा लिखी थी, जो हर कोई याद करता है। यह वीर गाथा अब ऐतिहासिक किताबों के पन्नों की शोभा बन गई है। इन्नर व्हील क्लब की प्रधान सीमा शर्मा, सचिव नीतिका जम्वाल, जिला चेयरमैन रजनी नेगी पूर्व प्रधान अनिता कपूर, नगर परिषद की अध्यक्ष राधा सूद, ब्रिंदुला करोल, किरण शर्मा, बिपना शर्मा , नीलू सूद, आरती शर्मा, शम्मी अख्तर, पुष्पा महाजन व वंदना शर्मा ने इस मौके पर बिक्रम बतरा के परिवार के साथ 19 वीं शहीदी दिवस के मौके पर उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए ।