चट्टान ने ली डाक्टर की जान

By: Jul 30th, 2018 12:25 am

निरमंड के जाओं में गाड़ी पर गिरी पहाड़ी, 27 साल के एमओ की मौत

आनी— निरमंड क्षेत्र के जाओं में रविवार को एक चिकित्सक की चट्टानों के नीचे दबने से दर्दनाक मौत हो गई, जिसकी शिनाख्त राहित (27) पुत्र प्रकाश चंद निवासी जलोग ओगली सुन्नी के रूप में हुई है, जबकि इनका परिवार कच्ची घाटी सोलन में रह रहा है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा और दुर्घटना का जायजा लिया। पुलिस ने इस संदर्भ में मामला दर्ज कर लिया है। डीएसपी रोहित मृगपुरी ने बताया कि मृतक निरमंड के जाओं गांव स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बतौर चिकित्सा अधिकारी कार्यरत थे और रविवार को मौसम खुलने  के कारण वह अपनी नई टाटा नेक्सन कार (एचपी-14टी-3494) में सवार होकर घर की तरफ लौट रहे थे कि इसी बीच प्रातः करीब सवा ग्यारह बजे जाओं से लगभग दो किलोमीअर दूर ढारा के पास अचानक पहाड़ी से चट्टानें खिसकीं, जो सीधा गाड़ी पर आ गिरीं और डाक्टर की इसके नीचे दबकर मौके पर ही मौत हो गई। डीएसपी ने बताया कि शव बड़ी मशक्कत के बाद पूरी तरह क्षतिग्रस्त कार से बाहर निकाला गया और उसे पोस्टमार्टम के लिए निरमंड अस्पताल पहुंचाया। प्रशासन की तरफ से एसडीएम आनी चेत सिंह ने मृतक के परिजनों को 25 हजार रुपए की फौरी राहत प्रदान की है, जबकि प्रदेश डाक्टर एसोसिएशन की तरफ से संघ के कोषाध्यक्ष डा. प्रवीण ने मृतक के परिजनों को एक लाख रुपए की राशि फौरी राहत के रूप में प्रदान की है। इस घटना पर मंडी संसदीय क्षेत्र के सांसद रामस्वरूप शर्मा, आनी के विधायक किशोरी लाल सागर तथा प्रदेश डाक्टर एसोसिएशन ने गहरा दुख प्रकट करते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की हैं।

चार के बाद मानसून बलवान

शिमला — प्रदेश में एक सप्ताह तक मानसून कमजोर रहेगा। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के तहत राज्य में चार अगस्त तक मौसम खराब रहेगा, मगर इस दौरान कुछ जगह बारिश होने की आशंका जताई जा रही है। राज्य में अगस्त के दूसरे सप्ताह के दौरान मानसून फिर से रफ्तार पकड़ेगा। शनिवार को मानसून सामान्य बना रहा। राज्य के मैदानी व मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में कई जगह बारिश रिकार्ड की गई है, जबकि रविवार को प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में 48 घंटों की बारिश के बाद धूप खिली। धूप खिलने से दिक्कतें झेल रहे लोगों ने कुछ हद तक की राहत ली है। बारिश से न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है।

पांच दिन श्रीखंड बेस कैंप में लगी थी ड्यूटी

आनी — मृतक चिकित्सक के साथ भी भगवान ने खूब खेल खेला। डा. रोहित पिछले पांच साल से जाओं पीएचसी में बतौर एमओ कार्यरत थे और इस वर्ष 15 जुलाई से शुरू हुई श्रीखंड कैलाश यात्रा में प्रशासन की तरफ से बेस कैंप सिंहगाड में 15 से 20 जुलाई तक श्रद्धालुओं को चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहे थे, मगर भोलेनाथ को डा. रोहित की ये सेवाएं शायद मंजूर नहीं हुईं। उनका छोटा भाई राहुल भी एक कुशल एवं योग्य डाक्टर बनने का सपना पाले हुए है और अभी पपरोला आयुर्वेद महाविद्यालय से बीएएमएस की डिग्री हासिल कर रहा है।


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