ठेकेदार बोले, रजिस्टे्रशन से हटाई जाएं अनावश्यक शर्तें

गगरेट- हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग व सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग में बतौर सरकारी ठेकेदार रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए सरकार द्वारा लगाई गई शर्तों को अनावश्यक करार देते हुए राष्ट्रीय जन कल्याण मंच के अध्यक्ष पंडित राम लुभाया ने इन्हें तुगलकी फरमान बताते हुए इन शर्तों में संशोधन करने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी के इस युग में युवाओं के पास सरकारी ठेकेदार बनकर रोजगार कमाने का एक रास्ता था, लेकिन कुछ अधिकारियों द्वारा बतौर ठेकेदार रजिस्ट्रेशन करवाने में ऐसी शर्तें लगवा दी गई हैं कि कई युवा चाहकर भी ठेकेदार नहीं बन पा रहे हैं। यही नहीं बल्कि उन्होंने सी व डी क्लास के अधीन होने वाली टेंडर प्रक्रिया भी आफलाइन किए जाने की मांग की है। पंडित राम लुभाया ने कहा कि इससे पहले महज एक शपथ-पत्र व निर्धारित फीस जमा करवाने पर ही ठेकेदार का रजिस्ट्रेशन व रिन्यूअल हो जाता था, लेकिन अब प्रक्रिया को इतना पेचीदा बना दिया गया है कि रजिस्ट्रेशन करवाना आसान  नहीं रहा है। किसी भी टेंडर के लिए विभाग व ठेकेदार के बीच जो एग्रीमेंट होता है उसमें वही नियम मान्य हों जो विधानसभा द्वारा पारित किए गए हैं। इसके विपरीत विभिन्न विभागों के कई उच्च अधिकारी मनमर्जी से ही नए नियम थोप रहे हैं। जोकि गैर कानूनी भी है। इससे प्रदेश के ठेकेदारों को लाभ मिलने की बजाय दूसरे राज्यों के ठेकेदारों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने सी व डी श्रेणी के अंतर्गत आने वाले टेंडर आफलाइन ही करवाने की मांग करने के साथ इस श्रेणी के ठेकेदारों पर ईपीएफ की शर्त भी हटाने की मांग की है क्योंकि इस श्रेणी के ठेकेदारों के पास स्थायी लेबर होती ही नहीं है।