दियोटसिद्ध के टायलटों में गंदगी की भरमार

By: Jul 9th, 2018 12:05 am

बिझड़ी —उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्धपीठ बाबा बालकनाथ मंदिर दियोटसिद्ध में श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं देने के नाम पर ठगा जा रहा है। मंदिर न्यास की साल दर साल बढ़ती जा रही आमदनी के बावजूद प्रशासन श्रद्धालुओं के लिए मूलभत सुविधाएं प्रदान करने तक का प्रबंध नहीं कर पाया है। ये हाल तब हैं, जब देश-विदेश से हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा के दर पहुंचते हैं। ये श्रद्धालु करोड़ों रुपए चढ़ावे के रूप में चढ़ाते हैं। जानकारी के अनुसार इस वर्ष श्रद्धालुओं ने पांच करोड़ 24 लाख चार हजार 147 रुपए का चढ़ावा बाबा के दर चढ़ाया है। यह पिछले वर्ष के मुकाबले 13 लाख अधिक है। बताते चलें कि  मंदिर परिसर में बकरा स्थल के पास बने हुए शौचालय इतने गंदे हैं कि इनमें शौच जाना तो दूर श्रद्धालु अंदर जाने से भी कतरा रहे हैं। इनमें फैली बदबू के कारण श्रद्धालुओं व कर्मचारियों को मुंह पर रूमाल रखकर गुजरना पड़ रहा है। मंदिर न्यास आंखों पर पट्टी बांधकर सोया हुआ है। छानबीन करने पर पाया गया कि ये शौचालय पिछले छह से सात महीनों से खराब पड़े हुए हैं। मंदिर प्रशासन द्वारा उन्हें ठीक करने की बजाय इन पर ताले लटका दिए गए हैं। मुआयना करने पर पाया गया कि शौचालयों के अंदर सीवरेज पाइप फटी हुई है। इससे आसपास भयंकर सड़ांध फैल रही है। इसके अलाव शौचालयों से सेफ्टिक टैंक के लिए बिछाई गई सीवरेज लाइन भी टूटी पड़ी है। इस कारण गंदगी खुले में बह रही है। अब यही गंदगी मंदिर के नीचे बने जल स्रोतों को दूषित कर रही है। इस कारण इलाके में बीमारियां फैलने का खतरा लगातार बना हुआ है। अब सवाल पैदा होता है कि दिन-रात श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने का राग अलापने वाले मंदिर न्यास को परिसर में फैली ये अनियमितताएं क्यों नहीं दिखाई देतीं। जानकारी के अनुसार शौचालयों की साफ-सफाई का ठेका एक निजी फर्म को दिया गया है। उसने वहां छह कर्मचारी भी नियुक्त कर रखे हैं। बावजूद इसके सफाई व्यवस्था का हाल सबके सामने है। सूत्रों की मानें तो सीआईडी की टीम भी गुपचुप तरीके से मंदिर परिसर का मुआयना कर गई है। उच्चाधिकारियों को भेजी गई रिपोर्ट में भी कमोबेश यही बातें लिखी होने की संभावना है।


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