दुखी डाक कर्मियों का सब्र छलका

ऊना – केंद्र सरकार तथा पोस्टल बोर्ड़ के उच्चाधिकारियों के रवैये से बेहद खफा देश भर के ग्रामीण डाक कर्मी एक बार फिर बड़े आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं। ग्रामीण डाक कर्मियों ने केंद्र की मोदी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर जल्द कमलेश चंद्र कमेटी की रिपोर्ट को बिना काट-छांट के लागू न किया गया तो एक बार फिर देश भर में बड़ा आंदोलन शुरू हो जाएगा। केंद्रीय कैबिनेट ने ग्रामीण डाक कर्मियों के सातवें वेतन आयोग को लेकर गठित एक सदस्यीय कमलेश चंद्र कमेटी की रिपोर्ट को लागू तो किया, लेकिन जब डाक विभाग के उच्चाधिकारियों ने रिपोर्ट को आधिकारिक तौर पर पत्र को जारी किया, तो उसमें बड़ी कैंची चलाकर रिपोर्ट को मूल रूप से लागू न करके उसमें भारी फेरबदल कर दिया गया, जहां तक रिपोर्ट को 1/7/2018 से लागू करने की बात कही गई। कायदे से यह रिपोर्ट 2016 से लागू होनी चाहिए। रविवार को अंब डाकघर में ऊना मंडल के ग्रामीण डाक कर्मियों की बैठक जिला अध्यक्ष बलवीर सिंह की अध्यक्षता में हुई, जिसमें ग्रामीण डाक कर्मियों ने केंद्र की मोदी सरकार तथा पोस्टल बोर्ड के उच्चाधिकायों के प्रति कड़ा रोष प्रकट करते करते हुए एक बार फिर से देशव्यापी हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। ग्रामीण डाक कर्मियों के परिमंडलीय सचिव दाता राम चंदेल ने कहा कि देश भर के दो लाख 71 हजार ग्रामीण डाक कर्मियों से बहुत बड़ा धोखा हुआ है। कर्मियों के हितों से जुड़ी ज्यादातर सिफारिशों को काट दिया गया, जिससे मिलने वाले एरियर तथा अन्य भत्तों का भारी नुकसान होना वाला है। दाता राम ने कहा कि एक ओर विभाग ग्रामीण डाक कर्मियों पर काम बोझ पर लादकर शोषण कर रहा है, दूसरे उनकी जायज मांगों पर भी कैंची चलाकर मोदी सरकार एवं पोस्टल बोर्ड के उच्चाधिकारी इस तबके को सड़क पर उतरने के लिए विवश कर रहे हैं।