दो दिन…1000 सेब के पौधे कत्ल

By: Jul 7th, 2018 12:10 am

ठियोग —वन भूमि पर अवैध कब्जों को लेकर चर्चा में रहे कोटखाई तहसील के चैथला गांव में वन विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। पिछले दो दिनों से यहां पर वन भूमि से करीब एक हजार सेब के पौधों को हटाया जा चुका है। जिससे इलाके में हड़कंप मच गया है। वन विभाग की यह कार्रवाई इलाके में कुछ दिन पहले ही शुरू हुई है । आने वाले दिनों में अनुमान यह लगाया जा रहा है कि कई हजारों सेब के पौधों को चैथला गांव से खाली करवाया जाएगा। कोटखाई क्षेत्र में चैथला गांव अवैध कब्जों को लेकर सबसे अधिक चर्चा में रहा है, जहां पर आखिरकार वन विभाग ने अवैध कब्जों को छुड़ाने की मुहिम को शुरू कर दिया है। कई लोगों के सेब के बागीचों को काटकर अवैध कब्जों को छुड़ाया जा रहा है। इस कार्रवाई को अंजाम देने के लिए डीएफओ ठियोग सहित तहसीलदार कोटखाई व आरओ कोटखाई अपनी टीम के साथ मौके पर ही है। जबकि इसके अलावा किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस के जवानों को भी इलाके में तैनात किया गया है और जिन जगहों पर अवैध कब्जों को हटाने का कार्य चल रहा है, वहां पर पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए हैं। दो दिनों में ही वन विभाग ने करीब एक हजार से ऊपर सेब के पौधों को वन भूमि से हटा लिया है। इसमें 745 सेब के पौधे गुरुवार को जबकि 345 शुक्रवार को हटाए गए हैं। लोगों ने सेब के बागीचों में हेलनेट भी लगा रखे थे, जिसे हटाने के बाद सेब के पौधों को काटा जा रहा है। इस कारण वन विभाग के अधिकारियों को भी दिक्कतें आ रही है। पिछले दो दिनों में जिन लोगों पर कारवाई हुई है। उनमें राजू, पवन, प्रदीप ,प्रताप, रामलाल, पिंकू, नंबरदार व पलसराम शामिल है। जबकि इनके अलावा और भी कई लोगों पर आने वाले दिनों में कार्रवाई होना बाकी है।  जानकारी के अनुसार अभी हाल ही में वन विभाग ने करीब डेढ़ सौ और लोगों की सूची तैयार की है, जिनके ऊपर कार्रवाई होनी है। कोटखाई का बहुचर्चित चैथला गांव वन भूमि पर अवैध कब्जों को लेकर शुरू से ही सुर्खियों में रहा है। यहां पर बागबानों द्वारा सैंकड़ों बीघा भूमि पर अवैध कब्जे बताए जा रहे है, जिसे हटाने के लिए वन विभाग को भी समय लगेगा। 11 जुलाई को हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट भी सौंपी जानी है। इसके अलावा प्रतिदिन जिन क्षेत्रों में कार्रवाई हो रही है, उसकी रिर्पोट भी कोर्ट में पेश की जा रही है, जिससे कि पारदर्शिता बनी रहे। इसमें कुछ बागबानों ने ये भी आरोप लगाए थे कि वन विभाग के अधिकारियों ने जो आंकड़े पेश किए हैं। उसमें भी हेराफेरी की जा रही है। जमीनी स्तर पर इतने पौधों को नहीं हटाया जा रहा जितना कि वन विभाग के अधिकारी स्टेट्स रिपोर्ट में दिखा रहे हैं। चैथला गांव पर सबकी नजरें गढ़ी हुई हैं।  अधिकतर प्रतिष्ठित बागबान हैं जो साल में करोड़ों का सेब बेचते हैं। लेकिन अब देखना ये है कि ये सेब अवैध कब्जे को हड़प करके बेचा जा रहा था या फिर मलकीयत से।


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