धर्मपुर में नहीं हो रहे मनरेगा के काम

 सरकाघाट   —धर्मपुर विकास खंड की 45 पंचायतों के लिए केवल 14 ग्राम रोजगार सेवक और 22 तकनीकी सहायक नियुक्त हैं। जिला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने उपायुक्त मंडी व जिला पंचायत अधिकारी मंडी को मांग पत्र भेज कर मांग की है कि मनरेगा योजना को सुचारू रूप से लागू करने के लिए प्रत्येक पंचायत में ग्राम रोजगार सेवक व तकनीकी सहायक लगाए जाएं। उन्होंनें बताया कि प्रदेश सरकार जानबूझकर कर कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं कर रही है, जबकि मनरेगा कानून में स्पष्ट निर्देश हैं कि ये कर्मचारी अभी पंचायतों में नियुक्त होने चाहिए।  उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत तीन लाख रुपए तक के कार्यों की एसेस्मेंट करने की जिम्मेदारी तकनीकी सहायकों की है, जो स्टाफ  की कमी के कारण समय पर नहीं हो पाती है और मजदूरों को समय पर वेतन नहीं मिलता है।  उन्होंने कहा कि इसी प्रकार ग्राम रोजगार सेवकों की कमी के कारण मस्टररोल जारी करने में देरी होती है और 14 दिनों के बजाए 10-12 दिन का ही काम मस्टररोल पर होता है,  जिससे मजदूरों को सौ दिन का काम नहीं मिलता है।  उन्होंने कहा कि एक कर्मचारी को तीन-तीन पंचायतों का काम करना संभव भी नहीं है। इसके अलावा धर्मपुर में एक कनिष्ठ अभियंता का पद भी खाली है और दो पंचायतों में सचिवों के पद खाली हैं, जिनमें 11 वार्डों के आठ हजार आबादी वाली सबसे बड़ी ग्राम पंचायत सज्याओपिपलू व खंड मुख्यालय की पंचायत धर्मपुर शामिल हैं।  भूपेंद्र सिंह ने सभी पंचायतों में कर्मचारियों की जल्द नियुक्त करने की प्रशासन व सरकार से मांग की है।