नगर परिषद की डंपिंग साइट गैरकानूनी

 बद्दी —औद्योगिक कस्बे बद्दी के तहत केंदुवाल में नगर परिषद की डंपिग साइट के खिलाफ पयार्वरण संरक्षण संस्था हिमधरा पर्यावरण समूह ने भी मोर्चा खोल दिया है। इसी कड़ी में संस्था के एक प्रतिनिधिमंड़ल ने एसडीएम नालागढ़ से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा और कारगर कार्रवाई की मांग की। इसके अलावा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व पुलिस थाना में भी एक प्रति सौंपी गई। एसडीएम को सौंपी शिकायत में संस्था ने बताया कि नगर परिषद बद्दी ने केंदुवाल में डंपिग साइट बना रखी है जो कि एक समुदाय की रिहायश के बिलकुल बगल में है, यहां 50 बीघा भूमि में फैले कचरे के बगल में रह रहे दर्जनों लोग नारकीय जीवन को जीने को विवश है। आज हालात यह है कि नगर परिषद् की इस डंपिंग से कई लोगों का जीना दूभर हो गया है। संस्था ने इस डंपिंग साइट को पूरी तरह से गैर कानूनी करार दिया है। संस्था ने कहा कि कचरे व इस उठ रही बदबू की वजह से बच्चों, बूढों और मवेशियों के गंभीर बीमारियों की चपेट में आने का खतरा बढ़ गया है। हिमधरा पर्यावरण समूह ने एसडीएम को दिए ज्ञापन में बताया कि पिछले दो वर्षों में इस डंपिंग साइट की वजह से 20 गाय और पांच भैंसें मर चुकी है। केंदुवाल के गुलाम नबीं व बशीर मोहम्मद ने बताया कि पांच परिवारों के 30 लोगों का आने-जाने का रास्ता इस कचरे की वजह से रुक गया है,पिछले दिनों बारिश के कारण रास्ता बदबूदार कीचड़ से लबालब भर गया था। पीडि़त लोगों ने कहा कि हमें नगर परिषद् के अमानवीय तरीके से काम करने पर और इस कचरे की डंपिंग साइट से शिकायत है। संस्था ने एसडीम से इस मामले में तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है। ग्रामीणों की इस समस्या का पता चलने पर पर्यावरण संरक्षण संस्था हिमधरा वस्तु स्थिति का जायजा लेने बद्दी पहुंची, संस्था की सदस्य मानसी अशर के अनुसार शहर के कचरे को इस तरह से ठिकाने लगाना ही पर्यावरण संरक्षण कानून का घोर उल्लंघन है। उन्होंने बताया कि 2016 में इस कानून के अंतर्गत केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा सूचित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की नियमावली बनाई गई थी, इस नियमावली के अनुसार किसी भी डिस्पोजल साइट को आबादी से कम से कम 200 मीटर की दूरी पर बनाने का जिक्र है। उन नियमों में यह भी स्पष्ट है की किसी भी लैंडफिल साइट के बाहर गेट होना चाहिए और अंदर से निकल रहे रास्ते कंकरीट के होने चाहिए, लेकिन केंदुवाल में इन तमाम नियमों की नगर परिषद द्वारा अवहेलना की जा रही है। संस्था ने बताया कि पिछले छह महीनों से मलपुर गांव के कई बाशिंदों ने कचरे के बाबत संबंधित विभागों को शिकायत की है, लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की गई है।