नवजात में नहीं थीं छोटी आंतें डाक्टर्ज ने किया कमाल

शिमला – भले ही प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं सरकारी अस्पतालों में सही ढंग से उपलब्ध न करवाई गई हों। बावजूद इसके प्रदेश के विशेषज्ञ कई बार कम सुविधाओं में भी इतने बड़े काम स्वास्थ्य के क्षेत्र में कर लेते हैं कि कोई भी उसे भूल नहीं पाता। ऐसा ही एक सफल आपरेशन आईजीएमसी के पीडियाट्रिक्स विभाग में चिकित्सकों द्वारा किया गया है। हैरानी की बात है कि पहली बार प्रदेश में सात दिन के किसी मासूम का जेजूनल एंट्रेजिया बीमारी का सफल आपरेशन किया गया है। जानकारी के अनुसार अस्पताल में यह आपरेशन डेढ़ माह पहले चिकित्सकों की ओर से किया गया था। इसके बाद नवजात को महीना भर आईसीयू में भी रखा गया। इसके अलावा कुछ समय तक गंभीर अवस्था में मासूम को वेंटिलेटर पर रखा गया। चिकित्सकों द्वारा बताया जाता है कि सात दिन के मासूम की हालत बहुत गंभीर थी, लेकिन अब डेढ़ माह के इलाज के बाद नवजात की हालत स्थिर है और उसे अस्पताल से छुट्टी भी दे दी जाएगी। डा. राजकुमार ठाकुर ने कहा कि अस्पताल में जब नेपाल मूल के नवजात का जन्म हुआ तो हर कोई इसकी हालत को देखकर हैरान था। मासूम की छोटी-छोटी आंते नहीं बनी थीं। बहरहाल आईजीएमसी के विशेषज्ञों ने अस्पताल में ही नवजात के आपरेशन का बेड़ा उठाया और इस इलाज को सफल रूप दिया।