बरसात… और सरकारी भवन जमींदोज

 पंचरुखी—आखिरकार शिक्षा विभाग का वर्षों पुराना स्कूल भवन  विभाग के उदासीन रवैये के चलते इस बरसात में दम तोड़ गया  व जमींदोज हो गया। बात शिक्षा विभाग के बनूरी सल्याणा मार्ग पर पशु औषधालय सल्याणा के साथ भवन जहां कभी स्कूल चला करता है, वह हाल ही में ढह गया।  सल्याणा में  बना यह भवन वर्षों से खाली था  व खंडहर में तबदील हो गया था । जबकि विभाग को आगाह करने पर भी विभाग ने इसके प्रति उदासीन रवैया रखा। स्लेटपोश इस भवन में हजारों का मैटीरियल स्लेट, पत्थर व सरिया सहित लकड़ी धूल में मिल गई। अगर विभाग समय रहते व्यर्थ पड़े भवन की सामग्री ही नीलाम कर देता व स्वयं  ही भवन को गिरा देते, तो कम से कम थोड़ी से आमदनी के साथ भवन की सामग्री ही काम आती, लेकिन औपचारिकताओं में उलझा विभाग व अधिकारियों सहित सरकार की इच्छाशक्ति में कमी के चलते आज हजारों रुपए की सामग्री धूल में मिल गई। ऐसी ही संभावना अब वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सल्याणा की भी है। यहां स्कूल का पुराना भवन अनसेफ  है व विभाग जानता भी है और कार्रवाई कागजों में उलझ गई है । कभी भी यह भवन भी ढह सकता है। पंचरुखी उपमंडल के तहत दर्जनों सरकारी भवन खंडहर बनते जा रहे हैं, लेकिन संबंधित  विभाग न तो इन्हें इस्तेमाल कर रहा है, न ही इसकी सुरक्षा व मरम्मत आदि पर ध्यान देता है। यही विभाग इन भवनों को किसी अन्य को भी इस्तेमाल करने नहीं देता। आलम यह ऐसे भवन जहां झाडि़यों से घिरे है, खिड़कियां, दरवाजे टूटे हैं  व खुले पड़े है। साथ लाखों की भवन सामग्री यूं ही बर्बाद हो रही है। लाखों की लकड़ी व पत्थर मिट्टी में मिल रहे हैं या लोग उठा कर चलते बनते हैं। यही नहीं, वर्षों से कई भवन आधे-अधूरे खंडहर बनने की कगार पर हैं। परवाह किसी को नहीं है । सरकारी वर्षों पुरानी धरोहरें लुप्त होती जा रही हैं।