बुराड़ी में कब्रिस्तान बने घर का रहस्य सुलझाने के लिए दिल्ली पुलिस लेगी इसका सहारा

By: Jul 8th, 2018 5:08 pm

नई दिल्‍ली – देश को झकझोर देने वाले बुराड़ी सामूहिक फांसीकांड का राज अब साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी या मनोवैज्ञानिक परीक्षण से खुलेगा। इस मामले की जांच कर रही दिल्‍ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम अब इस ओर काम करने का मन बना रही है। दरअसल, वह फांसी पर लटकने वाले सभी 11 लोगों का मनोवैज्ञानिक परीक्षण (साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी) करना चाहती है। इस मामले में रोजाना नई नई बातें सामने आ रही हैं। वहीं मारे गए लोगों के अन्‍य परिजन पुलिस की थ्‍योरी पर ही सवाल खड़े करने में लगे हुए हैं। अभी तक माना ये जा रहा है कि यह पूरा परिवार ही साझा मनोविकृति (शेयर्ड साइकोटिक डिसऑर्डर) का शिकार रहा होगा। यही वजह है कि अब पुलिस इस मामले से पर्दा उठाने के लिए कुछ नई तकनीक पर हाथ आजमाना चाहती है। दरअसल, ललित ने अपने परिवार के सदस्यों को मोक्ष दिलाने और पिता द्वारा सपने में दिए गए निर्देश के नाम पर फंदे पर लटकने के लिए तैयार किया था। एक साथ इस तरह के भ्रम की स्थिति में होने वाले परिवार को शेयर्ड साइकोटिक डिसऑर्डर का शिकार माना जाता है। इसका शिकार होने पर व्यक्ति अंधविश्वास व भ्रम को सही मान लेता है। इस वजह से पुलिस भटिया परिवार की मन: स्थिति की जांच कराना चाहती है। भाटिया परिवार साझा मनोविकृति से ग्रस्त था, इसके संकेत घटनास्थल से बरामद रजिस्टर से ये बात निकल कर आई है कि ललित को मृत्यु के बाद भी पिता को देखने और उनसे बात करने का भ्रम था।


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