बैजनाथ से छिनेंगे नौ करोड़ रुपए

बैजनाथ —बैजनाथ-पपरोला नगर पंचायत को बने दो साल छह माह हो गए। पहले ही दिन से दो गुटों मे विभाजित इन  11 पार्षदों में तालमेल न होने का खामियाजा बैजनाथ, पपरोला, पाडतेहड़, उस्तेहड़, घिरथौली, दुहली कोठी तक के लोग भुगत रहे हैं। आलम यह रहा है कि इसी खींचातानी की वजह से अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के खिलाफ कुछ पार्षदों ने मोर्चा खोल कर उपायुक्त कांगड़ा को जून, 2017 में अविश्वास मत भेज दिया। बाद में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष ने माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा कर उस पर स्टे ले लिया। आज ही जानकारी मिली है कि वहां से अब स्टे विकेट हो चुका है व माननीय न्यायालय द्वारा पुनः 25 जुलाई तक अपीला करने की तिथि निर्धारित की है। अब देखना यह है कि बैजनाथ-पपरोला नगर पंचायत के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिए कौन जोर आजमाइश करता है। वहीं कुछ दिन पूर्व नगर पंचायत के सचिव एवं एसडीएम बैजनाथ ने अपनी ही कार्यालय में नगर पंचायत पार्षदों को बुलाकर बैठक कर कहा था कि नगर पंचायत का ऑडिट करवाया जा रहा है। शीघ्र ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि किस-किस पार्षद ने क्या-क्या विकास कार्य करवाएं हैं। उन्होंने यहां तक भी कह दिया था कि जरूरत पड़ी तो हम विजिलेंस इन्कवारी भी करवाने से पीछे नहीं हटेंगे। उस दिन भी एसडीएम ने सभी पार्षदों को सीख दी थी कि कुर्सी को दौड़-छोड़ कर आपस में तालमेल कर विकास कार्यों को करवाएं। अब जो ऑडिट रिपोर्ट सामने आई है। उससे स्थिति स्पष्ट हो गई कि नगर पंचायत पार्षदों की इसी खींचातानी के कारण नगर पंचायत का नौ करोड़ लैप्स होने जा रहा है। इस बारे एसडीएम विकास शुक्ला ने बताया कि वर्ष 2015-16 में नपं के पास दो करोड़ 90 लाख की राशि शेष थी। वर्ष 2016-17 में नपं के विभिन्न विकास कार्यों के लिए चार करोड़ 29 लाख की राशि जारी हुई, जबकि 2017-18 में अब तक कुल तीन करोड़ 74 लाख जारी हो चुकी हैं। इनमें से मात्र 61 हजार रुपए ही व्यय हो सके। इस प्रकार नौ करोड़ की राशि अब तक नगर पंचायत के पास बिना खर्च पड़ी है। एसडीएम विकास शुक्ला ने बताया कि जो-जो कार्य पार्षदों ने अधूरे छोड़े हैं, उन्हें पूरा किया जाएगा। जल्द ही इन कार्यों को शुरू करवाया गया।