बॉर्डर पर लड़ने वाले असली हीरो

बालीवुड अभिनेता राजकुमार राव का कहना है कि हिंदी फिल्मों में हीरो शब्द का क्यों इस्तेमाल होता है उन्हें आज तक समझ नहीं आया। राजकुमार से जब यह सवाल किया गया कि उन्हें कई सफल फिल्मों का हीरो बनने और अवार्ड हासिल करने को लेकर कैसा महसूस होता है तो उन्होंने कहा कि सच कहूं तो मुझे नहीं मालूम की एक हीरो को कैसा महसूस होता है। मैं हमेशा से एक एक्टर बनना चाहता था और हमेशा से ऐसा ही महसूस करना चाहता हूं। इस वजह से मुझे हिंदी फिल्मों में एक्टर की जगह हीरो शब्द के इस्तेमाल की जरूरत आज तक समझ नहीं आई है। राजकुमार राव ने कहा कई बार मेरे पास ऐसे भी ऑफर आए जिसे लेकर कहा गया कि यह एकदम हीरो टाइप फिल्म है, जिस पर मैं हमेशा उनसे जोर देकर कहता था कि फिल्म में मेरा क्या नाम है और किस तरह का मेरा किरदार लिखा गया वह बताएं। हीरो क्या होता है? हम लोग हीरो नहीं है। हीरो तो वह हैं जो बॉर्डर पर जाकर हमारे लिए लड़ते हैं। हम तो बस अपना काम कर रहे हैं।