ब्यास-मान-कुणाह में मछली शिकार

नादौन  -प्रदेश भर में मछलियों के शिकार पर प्रतिबंध होने के बावजूद नादौन उपमंडल में इन आदेशों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। यह आरोप लगाते हुए संदीप, विवेक, पंकज, राजीव, विशाल, अरुण, अजय, सुरेंद्र, मोहित, विकास, अश्वनी व अंकुश आदि का कहना है कि मछलियों का प्रजनन काल होने के कारण मत्स्य पालन विभाग हर वर्ष दो माह के लिए नदियों-खड्डों तथा अन्य जल स्रोतों में इनके शिकार को प्रतिबंधित कर देता है। इसके चलते इस वर्ष भी पहली जून से प्रदेश भर में मछलियों को मारना या बेचना प्रतिबंधित है, लेकिन अभी भी ब्यास नदी, मान, मसेह तथा कुन्नाह खड्ड में मछलियों का शिकार धड़ल्ले से चल रहा है। बाहरी राज्यों से आए प्रवासी लोग तथा उनके बच्चे बेखौफ होकर इस गैर कानूनी धंधे को अंजाम दे रहे हैं। ब्यास नदी का धौलासिद्ध से लेकर चामुक्खा तक करीब 15 किलोमीटर का हिस्सा नादौन उपमंडल से सटा हुआ है। वहीं, मानखड्ड, मसेह तथा कुन्नाह खड्ड का भी काफी हिस्सा इसी स्थिति में है, जहां शिकारी इस धंधे को दिन-दिहाड़े अंजाम दे रहे हैं। विभाग हर वर्ष इस नदी में बनाए गए जलाशय व पौंग डैम में लाखों की संख्या में मछली के बीज डालने का दावा करता है। वहीं, मछलियां भी इसी काल में अंडे देकर प्रजनन करती हैं, परंतु अवैध शिकारियों द्वारा गर्भित मछलियों का शिकार करना विभाग के दावों को झुठला रहा है। यदि यही हाल रहा, तो विभाग द्वारा मछलियों के संवर्धन पर खर्च की जाने वाली करोड़ों की राशि पर पानी फिर जाएगा। मत्स्य पालन विभाग के सहायक क्षेत्रीय प्रभारी विजय सिंह चौहान का कहना है कि कर्मचारियों की काफी कमी है, फिर भी विभाग ऐसे लोगों पर पैनी नजर रखे हुए हैं। जिला मत्स्य अधिकारी चंचल ठाकुर ने कहा है कि ऐसे लोगों के पकड़े जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि विभाग की टीम प्रतिदिन विभिन्न क्षेत्रों में दबिश दे रही है और इस दौरान कई लोगों पर कार्रवाई की गई है।