मनाली हेलिपैड को ग्रीन सिग्नल

मनाली—मनाली में हेलिटैक्सी सेवा के लिए रास्ता साफ हो गया है। सरकार को वशिष्ठ में हेलिपैड बनाने के लिए अब पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से भी हरी झंडी मिल गई है। ऐसे में हेलिपैड का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर शुरू हो जाएगा। सोमवार को पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से मिली मंजूरी के बाद जहां हेलिपैड की दो बीघा 18 बिस्वा जमीन को पर्यटन विभाग के नाम किया जाएगा, वहीं इस भूमि में मौजूद करीब 229 पेड़ों को भी काटा जाएगा। मनाली के वशिष्ठ में बनने वाले हेलिपैड से जहां रोहतांग के लिए हेलिटैक्सी सेवा का अगाज होगा, वहीं कुल्लू-मनाली के पर्यटन कारोबार को भी रफ्तार मिलेगी। जानकारी के अनुसार हाल ही में  हेलिपैड के निर्माण व पेड़ों के कटान संबंधित दस्तावेज मंजूरी के लिए एमओईएफ (मनिस्ट्री ऑफ एन्वायरनमेंट एंड फोरेस्ट) देहरादून के पास जमा करवा गए थे। ऐसे में अब मंत्रालय ने इसकी मंजूरी दे दी है। सरकार अब उक्त भूमि को पर्यटन विभाग के नाम करने पर काम कर रही है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि हेलिटैक्सी सेवा के लिए वशिष्ठ में जो भूमि चयनित की गई थी उस पर अब जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा।  वशिष्ठ से रोहतांग के लिए शुरू होने वाली हेलिटैक्सी सेवा के लिए सरकार ने युद्ध स्तर पर कार्य छेड़ा हुआ है। सरकार का यह प्रयास है कि मनाली-रोहतांग के लिए जल्द से जल्द हेलिटैक्सी सेवा शुरू कर सैलानियों को इसकी सुविधा प्रदान करवाई जाए।  बता दें कि मनाली से रोहतांग के लिए हेलिटैक्सी सेवा के शुरू करने से पहले करीब दो बार सरकार ने हेलिकाप्टर का ट्रायल करवाया है, जो दोनों ही बार सफल रहा है। ऐसे में अब एमओईएफ के पास पहुंची हेलिपैड की फाइल पर सहमति बन गई है और हेलिपैड का काम भी शुरू होने जा रहा है।