मरयोग गोशाला के खिलाफ रची जा रही साजिश

 सोलन —दुधारू पशु सुधार सभा सोलन ने मरयोग स्थित गोशाला में भूख, प्यास व बीमारी के कारण मर रहे पशुओं की खबरों का सिरे से खंडन किया है। सभा के अध्यक्ष मोहन मेहता ने इन सभी खबरों को निराधार बताते हुए कहा है कि यह कुछ बाहरी लोगों की सोची-संबंधी साजिश है ताकि प्रबंधन की छवि व प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई जा सके और स्थानीय नवगठित संस्था को प्रबंधन के रूप में स्थानांरित किया जा सके। जारी बयान में दुधारू पशु सुधार सभा के अध्यक्ष ने कहा कि मरयोग के कोटला बड़ोग स्थित गोशाला का संचालन वर्ष 2000 से किया जा रहा है। इस गोसदन का संचालन सभा द्वारा बिना किसी सरकारी अनुदान से किया जा रहा है। गौसदन में औसतन 100 से 120 पशुओं व गायों का रखरखाव किया जा रहा है। पशुओं को रखने के लिए आधुनिक ढंग से अलग-अलग शैडों का निर्माण किया गया है, जिनमें खुरलियों, पशुओं को बांधने के लिए खूंटियों व उचित वेंटिलेशन का भी प्रावधान है। इन पशुओं की देखभाल के लिए करीब पांच पशु चिकित्सक व 15 से 20 विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारी कार्यरत हैं। पशुओं को पर्याप्त मात्रा में फीड, सूखे व हरे घास की व्यवस्था की जाती है और पीने के पानी के लिए जगह-जगह टैंक भी बनाए गए हैं। इस स्थान पर रात के समय लोग कमजोर, बीमार व जख्मी गायों व पशुओं को छोड़ जाते हैं। इसके अलावा कृषि विवि, हिमाचल प्रदेश पैरा वेटरनरी काउंसिल व पशुपालन विभाग द्वारा गौसदन की प्रबंधन व्यवस्था का समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है और इन निरीक्षणों में गौसदन की प्रबंधन व्यवस्था को संतोषजनक पाया जाता रहा है। सभा अध्यक्ष मोहन मेहता ने कहा कि हाल में घटित घटनाएं, कुछ बाहरी लोगों की प्रबंधन की छवि व प्रतिष्ठा को खराब करने की पूर्वनियोजित साजिश थी। सभा के स्थानीय कर्मचारियों को भी संस्थान के विरूद्ध टिप्पणियां करने के लिए भड़काया गया, ताकि प्रशिक्षण संस्थान व गौसदन के प्रबंधन को स्थानीय नवगठित संस्था को स्थानांतरित करवाया जा सके।