मां शिकारी देवी

By: Jul 7th, 2018 12:10 am

हिमालय की गोद में बसे प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर करसोग घाटी में स्थित है मां शिकारी देवी मंदिर। मां का यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में स्थित है, जहां चीड़, देवदार और सेब के पेड़ अपनी सुंदरता से भक्तों का मन मोह लेते हैं। समुद्र तल से 3357 मीटर की ऊंची पहाड़ी पर बने शिकारी देवी मंदिर की तरफ हमारा काफिला भी पैदल चढ़ाई चढ़ने लगा। लोगों के अनुसार इस मंदिर तक पहुंचने के लिए साढ़े छह सौ सीढि़यां चढ़नी पड़ती हैं। पंजाब के जालंधर व अमृतसर से भी दर्जनों लोग शिकारी देवी के मंदिर में माथा टेकने आए थे। सैकड़ों लोग साथ-साथ चढ़ाई चढ़ रहे थे। अन्य धार्मिक स्थलों की तरह यहां भी वैस् ही दुकानें स्थानीय लोगों ने लगा रखी थीं, जैसे दूसरी जगह लगती हैं। लगभग डेढ़ घंटे तक चलने के बाद हम शिकारी देवी मंदिर में पहुंचे। ऊपर आसमान को देखने पर लग रहा था हम आसमान को छू सकते हैं। आसमान इतना नजदीक लग रहा था कि शिकारी देवी मंदिर पर छत नहीं है। यहां मंदिर परिसर में न तो बर्फ पड़ती है और न ही वर्षा के छींटे पड़ते हैं। इस स्थान की यह विशेषता है। मंदिर में हवन हो रहा था। धूप-दीप जल रहे थे। शिकारी देवी की इस ऊंची चोटी पर कभी ऋषि मार्कंडेय ने तपस्या की थी। तब यहां माता प्रकट हुई थी। द्वापर युग में पांडव भी अपने अज्ञातवास में यहां आए थे। शिकारी देवी का मंदिर उन्होंने ही बनाया था। मंदिर के पुजारी देवी चंद ने बताया कि यहां समीप कोई गांव नहीं है। जो गांव सबसे समीप है, वहां तक पहुंचने में डेढ़ घंटा लगता है। माता मंदिर पर छत डलवाना नहीं मानती है। इस बारे बहुत सारे प्रयास असफल हुए हैं। पंजाब के एक गवर्नर का हेलिकाप्टर जब एक बार यहां से क्रॉस हुआ, तो एकदम दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।


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