वोकेशनल एजुकेशन में हिमाचल सेकेंड

शिमला— प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्रों की रुचि वोकेशनल कोर्सेज की तरफ हर साल बढ़ रही है। खास बात है कि हिमाचल वोकेशनल शिक्षा देने में दूसरे स्थान पर है, जबकि हरियाणा नंबर-1 पर। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से करवाए गए सर्वे में यह खुलासा हुआ है। अहम यह भी है कि प्रदेश में शुरू किए गए वोकशनल कोर्सेज का मकसद युवाओं में बढ़ रही बेरोजगारी दूर करना है। प्रदेश में वोकशनल कोर्स केवल सरकारी स्कूलों में ही छात्रों को पढ़ाए जा रहे हैं। केंद्र सरकार के सर्वे में खुलासा हुआ है कि लगभग 90 हजार छात्र वोकेशनल विषय पढ़ रहे हैं। मौजूदा समय में सरकारी स्कूलों में ब्यूटी, आईआईटी, हैल्थ केयर, रिटेल, ऑटो मूवी और अन्य विषय वोकेशनल विषयों के माध्यम से पढ़ाए जा रहे हैं। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में स्कूली छात्रों को वोकेशनल शिक्षा बेहतर तरीके से दी जा रही है और यहां छात्रों की एनरोलमेंट भी एक लाख से अधिक है। इसके साथ हरियाणा में छात्रों को रोेजगार के अवसर भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। दूसरी तरफ हिमाचल में इस समय 90 हजार छात्र वोकेशनल शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। यहां 11 टे्रड्स में छात्र शिक्षा ले रहे हैं। इस साल शिक्षा विभाग इसमें और दो नए टे्रड भी शामिल करने जा रहा है। राज्य परियोजना निदेशालय के अनुसार प्रदेश के 873 स्कूल में छात्र नौवीं से 12वीं तक वोकेशनल शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इसके बाद कई कालेजों में छात्रों को इसी कड़ी में बी-वॉक की डिग्री भी करवाई जा रही है। हालांकि अभी प्रदेश के 12 कालेजों में ही यह व्यवस्था है, जिसे भविष्य में बाकी कालेजों में भी शुरू किया जा सकता है। इस सत्र से प्रदेश के 80 स्कूलों में ये कोर्स शुरू किए जा रहें हैं।

अब सर्टिफिकेट देने की हो रही तैयारी

वोकेशनल ट्रेनिंग कर रहे छात्रों के लिए खास खबर है।  शिक्षा विभाग स्कूलों में वोकेशनल क ोर्स करने वाले  छात्रों को वोकेशनल सर्टिफिकेट देने की भी तैयारी कर रहे है। इससे पहले पूर्व विभाग छात्रों को वोकेशनल सर्टिफिकेट नहीं देता था, उनकी मार्क्सशीट में टे्रड के नाम व नंबर अंकित किए जाते थे। ऐसे में छात्र वोकेशनल सर्टिफिकेट की मांग कर रहे थे। ये सर्टिफिकेट स्कूल शिक्षा बोर्ड जारी करेगा।