सऊदी अरब भारत को ज्यादा  क्रूड ऑयल देने के लिए तैयार

नई दिल्ली— इस बात के साक्ष्य मिल रहे हैं कि अमरीका के राष्ट्रपति के कहने पर सऊदी अरब ओपेक (आर्गेनाइजेशन ऑफ दि पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज) द्वारा तेल आपूर्ति में कमी और कीमतों में तेजी न आने देने पर काम कर रहा है। मिडिल ईस्ट भारत सहित एशिया के कुछ देशों को ज्यादा क्रूड ऑयल की पेशकश कर रहा है, एक्सपर्ट्स ने यह जानकारी दी है। ब्लूमबर्ग में छपी एक रिपोर्ट की मानें तो ओपेक नेता वास्तव में अपने सहयोगियों के साथ रिकार्ड ऑयल आउटपुट की प्लानिंग कर रहे हैं। आर्गेनाइजेशन ऑफ दि पेट्रोलियम एक्पोर्टिंग कंट्रीज (ओपेक) पर ट्रंप की तरफ से नवंबर में अमरीका के मध्यवर्ती चुनाव से पहले ज्यादा प्रोडक्शन का दबाव है। ऐसे में सउदी के भारत जैसे कुछ कस्टमर देशों ने चेतावनी दी है कि ज्यादा कीमत की वजह से डिमांड में कमी आ सकती है। चीन में, यूनीपेक (चीन की सबसे बड़े रिफाइनर की ट्रेडिंग यूनिट) ने सऊदी द्वारा ज्यादा मूल्य निर्धारण का हवाला देते हुए खरीदारी में कटौती की है। सऊदी अरब यह ऑफर ऐसे समय में दे रहा है, जब ईरान पर अमरीकी प्रतिबंध की वजह से ऑयल कंज्यूमर्स को बड़ी परेशानी आशंका सता रही है। सिंगापुर स्थित एनर्जी आसपेक्ट लिमिटेड के ऑयल एनालिसिस वीरेंद्र चौहान का कहना है, सऊदी अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वजह काफी दबाव में है। ज्यादा प्रोडक्शन से तेल की कीमतों पर नियंत्रण रखा जा सकता है। सऊदी अरब तेल कंपनी ने अगस्त में एशिया में कम से कम दो खरीदारों के लिए अपने अरब अतिरिक्त लाइट क्रूड के कार्गो लगाए हैं। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने नाम न छापने की शर्त पर यह बताया है। कंपनी ने इस मामले पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है। सऊदी के एनर्जी मिनिस्टर खालिद अल-फलीह पिछले महीले ओपेक की मीटिंग में कह चुके हैं, मार्केट को संतुलित रखने के लिए जो भी संभव है, किया जाए। अपने ग्राहकों को प्राथमिकता दी जाए। इस महीने की शुरुआत में, दुनिया के शीर्ष कच्चे निर्यातक ने अगस्त के लिए कम से कम छह एशियाई ग्राहकों को पूर्ण संविदात्मक मात्रा भी दी थी। अमरीका द्वारा सऊदी अरब से तेल निर्यात में जुलाई में 51 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।