सतौन में लगी डोने-पत्तल बनाने की मशीन

By: Jul 25th, 2018 12:10 am

पांवटा साहिब -जिला ग्रामीण विकास अभिकरण सिरमौर के तत्त्वावधान में विकास खंड पांवटा साहिब द्वारा स्वयं सहायता समूहों के जीविका अर्जन हेतु डोने व पत्तल बनाने की विशेष पहल के तहत सतौन में डोने व पत्तल बनाने की मशीन स्थापित कर दी गई है। मशीन का विधिवत शुभारंभ जिलाधीश सिरमौर ललित जैन ने किया। इस मशीन के यहां स्थापित होने से सतौन और आसपास के दर्जनों स्वयं सहायता समूह को रोजगार मिलेगा। इस मौके पर उपायुक्त सिरमौर ललित जैन ने कहा कि जिला सिरमौर ने प्रदेश में इस दिशा में एक अनूठी पहल की है और, जहां पर पत्तों से तैयार डूने व पत्तल प्लास्टिक व थर्मोकॉल के विकल्प के रूप में प्रयोग में लाए जाएंगे, वहीं पर स्थानीय विशेषकर महिलाओं को घरद्वार पर स्वरोजगार उपलब्ध होगा। उपायुक्त ने कहा कि सिरमौर जिला में मालझन, साल और सागवान के पत्तों से डोने व पत्तल बनाने की काफी क्षमता विद्यमान है और इस व्यवसाय से जिला के स्वयं सहायता समूहों को जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि डोने और पत्तल के लघु उद्योग जिला के अन्य क्षेत्रों में भी ग्रामीण विकास विभाग के सौजन्य से स्थापित किए जा रहे हैं, जिसके लिए स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पत्तों व डोने को निर्यात करने वाला जिला सिरमौर शीघ्र ही प्रदेश में पहला जिला बनेगा, जो कि पूरे प्रदेश की मांग को पूरी करने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि सतौन में स्थापित डोने व पत्तल के इस लघु उद्योग में इस क्षेत्र के छह स्वयं सहायता समूहों की 60 महिलाओं को शामिल किया गया है, ताकि महिलाओं को घरद्वार पर स्वरोजगार उपलब्ध हो सके। उन्होंने बताया कि इन स्वयं सहायता समूहों में लक्ष्मी एसएचजी, ओम एसएचजी, सरस्वती एसएचजी, वैभव लक्ष्मी, माता बालासुंदरी और श्रीरेणुकाजी एसएचजी को जोड़ा गया है। उपायुक्त ने कहा कि पत्तों से बने डूने, पत्तल पर्यावरण की दृष्टि से लाभदायक होने के साथ-साथ इनके बचे अवशेष पशुओं का आहार भी बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस व्यवसाय को पुनर्जीवित करने के लिए महिलाओं को इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला में सभी सरकारी कार्यक्रमों में पत्तों से बने डूने व पत्तल ही प्रयोग में लाए जाएंगे, जिसके लिए इन स्वयं सहायता समूह को 50 हजार पत्तलों के निर्माण का कार्य दिया गया है। उन्होंने स्वयं सहायता समूह को अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए मोमबत्ती निर्माण के कार्य में भी आगे आने का आह्वान किया और कहा कि इसके लिए उन्हें सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने परियोजना अधिकारी डीआरडीए को निर्देश दिए कि स्वयं सहायता समूह के माध्यम से खाली पड़ी जमीन पर मालझन की बेलों को उगाया जाए, ताकि इनके पत्ते डूना व पत्तल के निर्माण के लिए उपलब्ध हो सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मशीन के प्रयोग का प्रशिक्षण सभी महिलाआें को उचित प्रकार से दिया जाए, ताकि कार्य करते समय किसी प्रकार की दुर्घटना न हो। इस अवसर पर स्थानीय पंचायत के प्रधान रजनीश चौहान ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और सतौन में पत्तल व डोने तैयार करने के लघु उद्योग स्थापित करने के लिए उपायुक्त का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सतौन इस क्षेत्र की दस पंचायतों का केंद्र है तथा इस लघु उद्योग से प्रेरणा लेकर लोग अपने-अपने क्षेत्र में पत्तल व डोने की मशीन स्थापित करने के लिए प्रयासरत रहेंगे।  उपप्रधान रामेश्वर शर्मा ने धन्यवाद किया। इस अवसर पर परियोजना अधिकारी डीआरडीए रति राम वर्मा, खंड विकास अधिकारी पांवटा अभिषेक मित्तल, बीडीसी सदस्य खतरी राम, पूर्व बीडीसी सदस्य कुलदीप शर्मा, एलएसईओ रेणुबाला ठाकुर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी और स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं मौजूद रही। गौर हो कि जिला में डीआरडीए के माध्यम से इस प्रकार की दूसरी मशीन स्थापित हो चुकी है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App