समर सीजन से मनाली मायूस

केलांग —गर्मियों की छुट्टियां बिताने के लिए हर साल लाखों की संख्या में मनाली पहुंचने वाले सैलानियों का ग्राफ इस बार काफी गिरा है। इस बात का खुलासा प्रशासन द्वारा जुटाए आंकड़ों में हुआ है। साल के शुरुआती पांच माह में जहां गत वर्ष संख्या 14,48,797 थी, वहीं इस साल यह आंकड़ा घटकर 12,50,338 ही रह गया। ऐसे में मनाली की खूबसूरती के कायल सैलानियों की कम चहलकदमी से कारोबारी भी हैरान है। कारोबारियों का कहना है कि इसका सबसे बढ़ा कारण कुल्लू से मनाली तक की सड़क की खस्ताहालत रहा है। समर सजीन के दौरान ही सड़कों का निर्माण कार्य चला हुआ था और अधिकतर सैलानी यहां पहुंचने का अनुभव अच्छा नहीं लेकर गए, जिसकी किमत कारोबारियों को चुकानी पड़ी है। यही  नहीं यहां समर सीजन के दौरान ऐसा कोई भी दिन नहीं गया, जब ट्रैफिक जाम नहीं लगा। दो से तीन घंटे तक लगने वाले ट्रैफिक जाम ने भी सैलानियों को सीजन के दौरान खासा परेशान रखा, लिहाजा सैलानियों का ग्राफ मनाली में पिछले साल के आंकड़े को भी नहीं छू पाया। एक कारण रोहतांग दर्रे की बर्फ के जल्दी पीघल जाना भी रहा। रोहतांग की बर्फ की दीदार करने के लिए देश-विदेश से आने वाले सैलानी यहां बर्फ न पाकर जहां मायूस हुए, वहीं सैलानियों ने लाहुल-स्पीति ही जाना बेहतर समझा। ऐसे में मनाली में पर्यटन कारोबार को कुल मिला कर ये समर सीजन खुश नहीं कर सकता। बात यहां होटलियर्ज की करें तो उनपर भी एनजीटी की कार्रवाई सीजन के दौरान चलती रही ऐसे में जहां होटलों में ठहरने वाले सैलानी खासे परेशान हुए, वहीं पर्यटक नगरी में सैलानियों का सैलाब नहीं उमड़ पया है। आंकड़ों के हवाले से कहें तो गत वर्ष के समर सीजन में जहां मनाली के अधिकतर होटल पैक थे, वहीं इस बार होटलों में कमी ही सैलानी दिखे। लिहाजा कहा जा सकता है कि पर्यटन नगरी मनाली से अब सैलानियों का मोह भंग होने लगा है। पिछले साल की तुलना में सैलानियों की संख्या में लगभग 10 प्रतिशत कमी आई है।