सियासत में फंसा रेणुका डैम प्रोजेक्ट

केंद्र से नहीं मिल रही इनवेस्टमेंट क्लीयरेंस, दिल्ली को मिलना है पानी

शिमला— सालों से निर्माण के इंतजार में पड़ा रेणुका डैम प्रोजेक्ट केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार की आपसी लड़ाई का शिकार हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का सियासती द्वंद्व इस प्रोजेक्ट के आड़े आ रहा है, जिसके चलते केंद्र सरकार इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस नहीं दे रही है। सूत्रों के अनुसार इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस का मुद्दा एक बार फिर से प्रदेश सरकार ने उठाया है, मगर इस पर कोई सकारात्मक जवाब वहां से नहीं मिला। मोदी सरकार के कार्यकाल में इस प्रोजेक्ट को कोई मदद नहीं मिल पाई है, जबकि यह राष्ट्रीय महत्व का प्रोजेक्ट है। दिल्ली को पानी की व्यवस्था के लिए इस प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार की गई है। सालों से इस पर जमीन अधिग्रहण का काम चल रहा है, जिसमें भी लोगों को पूरी तरह से मुआवजा नहीं मिल पाया है। दिल्ली सरकार ने इसके लिए 450 करोड़ रुपए की राशि दी है, परंतु केंद्र सरकार ने जो पैसा प्रोजेक्ट निर्माण के लिए देना है, उसकी हामी नहीं भरी गई। राजधानी दिल्ली की सरकार और केंद्र की सरकार दोनों में ठनी हुई है, जिसका असर इस प्रोजेक्ट पर पड़ रहा है। इधर, हिमाचल सरकार ने बांध निर्माण के साथ बनने वाले बिजली प्रोजेक्ट को लेकर अपनी बात रख दी है। हिमाचल ने साफ कहा है कि यहां जमीन और पानी हिमाचल का है, लिहाजा इसी एवज में 250 मेगावाट का बिजली प्रोजेक्ट बनाने के लिए केंद्र सरकार या संबंधित राज्य जिनको इसका लाभ मिलना है, वे मदद करें। प्रदेश सरकार केवल बिजली प्रोजेक्ट बनाना चाहती है, जिसमें केंद्रीय सहायता मिले। इसके लिए भी मंजूरी नहीं मिल पा रही है। रेणुका डैम को इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस का मुद्दा जल संसाधन मंत्रालय के पास है।

किशाऊ पर भी केंद्र चुप

सिर्फ रेणुका ही नहीं, बल्कि किशाऊ बांध का भी यही मसला है, वहां से भी पानी दिल्ली को जाना है और इसीलिए केंद्र सरकार भी चुप बैठी है, जबकि उत्तराखंड भी इसे जल्द तैयार करवाने के लिए हिमाचल के साथ है।