स्टैंडिंग काउंसिल पर विवाद

सोलन के लोगों ने जताया विरोध, संगठन में बाहर से नियुक्तियों का आरोप

शिमला—सरकारी महकमों के मामले अदालत में प्रभावी तरीके से उठाने के लिए सरकार ने स्टैंडिंग काउंसिल का गठन किया है, मगर इसे लेकर कुछ विवाद है। सूत्रों के अनुसार ऐसे लोगों को स्टैंडिंग काउंसिल में रखा गया है, जिनका पार्टी से दूर-दूर तक रिश्ता नहीं है और इसी बात को लेकर वे लोग भड़क गए हैं, जो सालों से पार्टी में निष्ठाएं रखे हुए हैं। यह मामला सोलन जिला के लोगों ने उठाया है और मामला वहां के मंत्री के ध्यान में लाया गया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा.राजीव सहजल को इस संबंध में बताने के साथ लोगों ने अपना विरोध दर्ज किया है। ऐसे में इन नियुक्तियों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। सबसे ज्यादा विरोध सामाजिक न्याय एवं सहकारिता मंत्री डा. राजीव सहजल के गृह जिला सोलन से है। इसके अलावा कुछ अन्य स्थानों पर भी विरोध हो रहा है। आरोप है कि स्टैंडिंग काउंसिल में कुछ ऐसे अधिवक्ता तैनात किए गए हैं, जिन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के खिलाफ कार्य किया। कुछ ऐसे भी हैं, जिनका संगठन से दूर-दूर तक का नाता नहीं है। कैबिनेट मंत्री ने इस पर संज्ञान लिया है। उन्होंने इस मामले को लेकर पड़ताल करने की बात कही है और कहा है कि यदि ऐसा है, तो यह गंभीर मसला है। उन्होंने इसकी पूरी सूची मंगवाई है।

अरसे से लटकी हैं तैनातियां

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि स्टैंडिंग काउंसिल में ऐसे लोगों को तरजीह दी जाएगी, जो संगठन से जुड़े हुए हैं। इनकी तैनाती का मामला पिछले काफी समय से लटका हुआ था। हाल ही में सरकार ने सोलन जिला के अलावा कुछ अन्य जिलों में स्टैंडिंग काउंसिल को तैनात किया है, जो सरकारी विभागों के मसले कानूनी तरीके से हल करवाने के लिए लगाए गए हैं।