स्वास्थ्य केंद्र शिलाई में डाक्टरों की कमी

 शिलाई —प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने 12 सितंबर, 2012 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिलाई के भवन की आधारशिला रखकर पट्टिका लगवाई। तत्त्कालीन सांसद वीरेंद्र कश्यप व मुख्य संसदीय सचिव सुखराम चौधरी भी इस आधारशिला अवसर के साक्षी बने। सात वर्ष होने जा रहे हैं लेकिन आज तक भवन का कार्य आरंभ नहीं हो सका है।  भवन निर्माण के लिए स्वीकृत धनराशि स्वास्थ्य विभाग ने लोक निर्माण विभाग को वर्षों पूर्व दे डाली है, लेकिन भवन निर्माण का कार्य आरंभ नहीं हो पाया है। कई सरकारें बदली लेकिन कार्य आरंभ नहीं हुआ, जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। अस्पताल मंे रोगी ज्यादा आने पर एक-एक बैड पर दो-दो रोगी लिटाए जाते हैं । स्वास्थ्य विभाग ने चार वर्ष पूर्व 12 लाख रुपए लोक निर्माण विभाग को दे दिए हैं, लेकिन उसके पास भवन निर्माण के लिए जगह नहीं है। कई बार मामला आरकेएस की बैठक में उठाया जा चुका है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते मामला केवल आधारशिला पट्टिका तक रह गया। यहां एक बैड पर दो-दो रोगियों को भर्ती कर उनका इलाज करना आम बात है। अस्पताल में लाखों रुपए की एक्स-रे मशीन वर्षों से बिना तकनीशियन के धूल फांक रही है। कहने को तो यह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है। यहां सुविधाओं के नाम पर चिकित्सक आपातकालीन मंे रोगियों को प्रथम उपचार देकर रैफर कर देते हैं। रोगियों और उनके तीमारदारों को 70 किलोमीटर सफर कर इलाज के लिए पांवटा साहिब या अन्य जगह भटकना पड़ता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिलाई में 29 पंचायतों के 40 हजार लोगों के अतिरिक्त जिला शिमला के कुपवी उपमंडल की 14 पंचायतों व पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के जोंसार बाबर की 15 पंचायतों के लोग स्वास्थ्य लाभ लेने आते हैं।  सुविधाओं के अभाव के चलते उनका स्वास्थ्य रामभरोसे रहता है। अस्पताल में न तो स्त्री रोग विशेषज्ञ है न बाल रोग विशेषज्ञ है। कर्मचारियों व चिकित्सकों के कई पद रिक्त हैं। सफाई के लिए कोई भी नियमित कर्मी नहीं है।  मात्र दो सफाई कर्मी आरकेएस से तैनात हैं जो 24 घंटे सफाई करते हैं। अस्पताल मंे फार्मासिस्ट भी नहीं है। यही हाल आवासीय सुविधा का है। बीते सात वर्षों मंे भवन का कार्य आरंभ नहीं हो पा रहा है।  ऐसे में स्वास्थ्य लाभ की उम्मीद रखना बेमानी है। अप्रैल माह में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने भी इस अस्पताल का दौरा किया। वह भी सुविधाओं के अभाव से बीमार इस अस्पताल का इलाज नहीं कर पाए।

राजस्व अधिकारी को भेजी अर्जी

 इस संबंध में स्वास्थ्य खंड अधिकारी शिलाई डा. निर्दोष कुमार ने बताया कि वह भवन निर्माण की जगह की निशानदेही करवा रहे हैं, जिसकी अर्जी राजस्व अधिकारी को दे दी गई है। इसके अतिरिक्त कुछ चीड़ के पेड़ जमीन मंे आ रहे हैं जिन्हंे काटना जरूरी है। इस बारे में डीएफओ रेणुका को दरख्वास्त दे दी है। लोक निर्माण विभाग मंडल शिलाई के अधिशाषी अभियंता प्रमोद उप्रेती ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग यदि जमीन उपलब्ध करवा देता है तो जल्द ही टैंडर कॉल कर भवन निर्माण कार्य आरंभ करवाया जाएगा, लेकिन जमीन तो चाहिए।