प्रख्यात गायक बादशाह स्टार प्लस पर प्रसारित होने जा रहे सिंगिंग रियलिटी शो ‘दिल है हिंदुस्तानी-2’ में जज की भूमिका अदा कर रहे हैं। प्रस्तुत हैं बादशाह से उनके शो को लेकर हुईर् वार्ता के प्रमुख अंश…
‘डीएचएच-2’ भारत और भारतीय संगीत का वैश्विक जश्न है- हर वह दिल है जो अपनी राष्ट्रीयता या जातीयता से इतर उस धुन पर थिरकता है, जिसे भारत कहते हैं, वह हिंदुस्तानी है। ‘डीएचएच-2’ पूरी दुनिया के ऐसे हिंदुस्तानियों का संगम है। इस शो में नजर आने वाले दुनियाभर से आए प्रतिभाशाली गायक और संगीतकार जाने-माने भारतीय गानों को अपने अंदाज में परफॉर्म करेंगे, जिससे उन्हें एक नया आयाम मिलेगा।
शो के इस सीजन से आपकी क्या उम्मीदें हैं?
पहले सीजन में दर्शकों ने इस शो में गैर-भारतीयों की हिंदी गाने गाते हुए सुना। साथ ही प्रतिभागियों ने कई बार सुने जा चुके चर्चित गानों के साथ भी प्रयोग किया, जिसे यह पता चला कि उसमें किस तरह बदलाव लाया जा सकता है। सीजन-2 में स्तर काफी ऊंचा है और इसलिए परफॉमेंस से भी काफी ज्यादा उम्मीदें हैं। हम लोग गायकी के मानदंडों पर परफार्मेंस को परखेंगे, साथ ही साथ यह भी देखेंगे कि यह कितना मनोरंजक रहा। पहले सीजन की तुलना में हम परफार्मेंस को ज्यादा बारीकी से देखेंगे।
दर्शकों को इस शो में क्या नया देखने को मिलेगा?
कई सांस्कृतिक पृष्ठ भूमि से आए कलाकारों के परफार्मेंस के माध्यम से दर्शक टेलीविजन पर भारतीय संगीत का भव्य उत्सव देख पाएंगे। हालांकि, जो चीज उन्हें अलग बनाएगी, वह होगा उन चर्चित गानों का सबसे अलग अंदाज। साथ ही संगीत की अपनी समझ के आधार पर उन गानों में वह क्या चीज या पहलू शामिल करते हैं, वह उन्हें अलग बनाएगा। यह दर्शकों के लिए बहुत ही बेहतरीन पेशकश होने वाली है। वह नए गानों को बिलकुल अलग रंग में देख पाएंगे- यही इस शो की खासियत होगी। इस साल जजेज का पैनल बदल गया है और इनमें से एक आप हैं।
अन्य जजेज के साथ आपका रिश्ता कैसा है?
मैं काफी उत्सुक हूं कि मैं प्रीतम और सुनिधि जैसे महारथियों के साथ पैनल में हूं। वे दोनों संगीत के अलग- अलग जोन से आते हैं। मैं प्रीतम दा को अपना रैप गुरु मानता हूं, क्योंकि उनसे मैंने काफी कुछ सीखा है और सुनिधि हमारे देश के बेहतरीन सिंगर्स में से एक है। हम दोनों के बीच काफी अच्छा रिश्ता है और सेट पर ब्रेक के दौरान हम तीनों अपने पसंदीदा गानों पर टूट पड़ते हैं।
प्रतिभागियों को जज करने के दौरान आप किन चीजों का ख्याल रखेंगे?
सबसे पहले प्रतिभागियों में भारतीय संगीत के प्रति लगन होनी चाहिए और दूसरी बात कि उनकी गायकी में विविधता होनी चाहिए। हमें वैश्विक और भारतीय प्रतिभा की तलाश है, जिसका दिल भारत और भारतीय संगीत के लिए धड़कता है।
‘दिल है हिंदुस्तानी-2’ आपका दूसरा सीजन है। दूसरी बार हां कहने की क्या वजह रही?
‘दिल है हिंदुस्तानी-2’ केवल एक शो नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया में हुनर के साथ एक भावना भी है। इस तरह के शो कई नए गायकों को मंच प्रदान करते हैं। मैं दुनियाभर से आईं इस शो के बेहतरीन प्रतिभाओं को देखकर चकित रह गया, जोकि भारतीय गाने गा रहे हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि इसका दूसरा सीजन भी अपने साथ काफी कुछ लेकर आएगा। यह शो मेरे लिए कुछ लेकर आएगा। यह शो मेरे लिए बहुत खास है और मुझे बात का गर्व है कि मैं इसे जज कर रहा हूं। साथ ही भारत में रैंपिंग को डांस और स्टैंडअप कॉमेडी के साथ गंभीरता से कला के तौर पर नहीं लिया जाता है। इसके अलावा मैं यहां मौज- मस्ती के लिए आया हूं और दर्शकों के साथ अपना और भी बेहतर रिश्ता जोड़ने।
आपने पहले बताया कि भारत में रैंपिंग को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया जाता है। क्या एक रैपर के तौर पर अपने संघर्ष के बारे में बता सकते हो?
भारत में आपको एक रैपर के तौर पर संगीत के पारंपरिक कला रूपों से संघर्ष करना होता है। पारंपारिक संगीत से ब्रेक लेने और रैंप लिखने की शुरुआत करने में कुछ साल लगे। कुछ ऐसे रैपर थे, जैसे रफ्तार जो पंजाबी रैप के जरिए बालीवुड में अपनी जगह बना चुके थे। वह मेरे लिए एक सच्ची प्रेरणा बने। मैंने संघर्ष के बावजूद अपने सपने को पूरा करने का फैसला किया और अपना गाना कंपोज करना शुरू कर दिया, उनमें से एक गाना (कर गई चुल) बालीवुड संगीत में शामिल हो गया और मेरे करियर की गाड़ी निकल पड़ी।