हिमाचली बागबानी पर केंद्र खर्चेगा 1688 करोड़

ऊना— हिमाचल प्रदेश में केंद्र सरकार द्वारा बागबानी क्षेत्र में 1688 करोड़ खर्च किए जाएंगे। प्रदेश बागबानी विभाग की ओर से भेजे गए इस प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार ने अपनी अंतिम मंजूरी दी है। पहली बार केंद्र सरकार की ओर से हिमाचल प्रदेश के लिए बागबानी क्षेत्र के लिए इतना बड़ा प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया है। केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद बागबानी विभाग इस प्रोजेक्ट के तहत आगामी प्रक्रिया में जुट गया है।   इस प्रोजेक्ट के हिमाचल में अगले वर्ष शुरू होने की संभावना है। प्रदेश बागबानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के प्रयासों से ही इस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल पाई है। वहीं, प्रोजेक्ट को लेकर बागबानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर और बागबानी विभाग  निदेशक एमएल धीमान सहित अन्य अधिकारियों के साथ इस प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा भी हो चुकी है। इस प्रोजेक्ट में अहम बात यह है कि इस बार किसान या बागबान को बागीचा लगाने से पहले पानी का प्रबंध करना पड़ेगा। जबकि इससे पहले बिना पानी के प्रबंध के ही किसान, बागबान के लिए बगीचा स्वीकृत कर दिया जाता था। इसके चलते प्रोजेक्ट के तहत सिंचाई के लिए बजट का करीब 50 बजट खर्च होगा।  प्रदेश बागबानी विभाग की ओर से उपोष्ण कटीबंधीय जलवायु (सब टेरोपिकल हार्टिकल्चर) वाले क्षेत्रों में बागबानी को बढ़ावा देने के लिए प्रोजेक्ट तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा गया, जिसके चलते केंद्रीय वित्त मंत्रायल आर्थिक मामले विभाग ने कृषि मंत्रालय एवं नीति आयोग से एशियन विकास बैंक द्वारा इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी गई। प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश में आम, लीची, नींबू (प्रजातीय फल), अमरूद, अनार, कीवी, ऐवाकैडो, जापानी फल सहित अन्य फसलों की आधुनिक एवं वैज्ञानिक ढंग से खेती को बढ़ावा दिया गया।   प्रोजेक्ट के तहत मिनी फूड पार्क की भी स्थापना की जाएगी। फूडपार्क में संग्रहण केंद्रों, प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्रों, शीत शृंखंला, उद्यमियों द्वारा खाद्य प्रसंस्करण युनिटों की स्थापना की जाएगी। प्रोजेक्ट के तहत करीब 230 करोड़ की राशि खर्च होगी। प्रदेश के गर्म ईलाकों में अगले पांच वर्ष तक करीब 20 हजार हेक्टेयर में नए बागीचे सुधरी वैज्ञानिक तकनीक से लगेंगे। उन्नत किस्म की पौध सामग्री तथा पौधशालाओं की स्थापना के लिए करीब 100 करोड़ खर्च किए जाएंगे। राष्ट्रपति अवार्डी और कृषक सम्राट सम्मान हरिमन शर्मा ने  पहली बार इतना बड़ा प्रोजेक्ट स्वीकृत करने के लिए केंद्र सरकार, प्रदेश सरकार का आभार जताया है।वहीं प्रदेश में हार्टि टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा। उपयुक्त स्थान चिहिन्त होंगे। इन स्थानों पर फलों की संघन-संरक्षित खेती, सौंदर्यकरण प्रदर्शन फार्म की स्थापना होगी।  बेरोजगारों को आधुनिक खेती से जोड़कर स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए जाएंगे। प्रशिक्षण तथा अन्य गतिविधियों पर करीब 20 करोड़ खर्च किए जाएंगे।