25 मेगावाट तक बिजली खरीदने को तैयार सरकार

शिमला— राज्य सरकार 25 मेगावाट तक बिजली उत्पादन करने वाली परियोजनाओं से भी बिजली की खरीद करेगी। अब तक 10 मेगावाट तक बिजली की खरीद राज्य बिजली बोर्ड द्वारा की जाती है, जो अब 25 मेगावाट बिजली भी खरीदेगा। ये ऐलान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शनिवार को ऊर्जा उत्पादकों के सम्मेलन में किया। इस सम्मेलन में ऊर्जा उत्पादकों ने अपनी कई समस्याओं को उठाया, जिनका निराकरण करने की बात मुख्यमंत्री ने की। इसके लिए प्रदेश सरकार ने ऊर्जा मंत्री की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाने की घोषणा की है,यह कमेटी समस्या का हल ढूंढेगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में 27 हजार मेगावाट से अधिक विद्युत उत्पादन क्षमता की पहचान की गई है और इसका पूरी तरह से दोहन होने पर राज्य की अर्थव्यवस्था को बदला जा सकता है।  राज्य में अभी तक 10547 मेगावाट विद्युत क्षमता का ही दोहन किया गया है। इस वित्त वर्ष में  182 मेगावाट क्षमता का उपयोग करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि बिजली उत्पादक अन्य इच्छुक खरीददारों को बिजली बेचने के लिए स्वतंत्र होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में बिजली परियोजनाओं के निर्माण के लिए त्वरित वन स्वीकृति प्रदान कर रही है, जिससे निवेशकों को परियोजनाओं के निर्माण से अनावश्यक देरी से बचाया जा सकेगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा तरुण कपूर ने कहा कि यदि राज्य अगले पांच वर्षों में निजी क्षेत्र में 5000 मेगावाट का दोहन करने में सफल रहता है तो राज्य 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आकर्षित कर सकेगा। इसके लिए आवश्यक है कि जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण समय में काफी कमी लाई जाए। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विकास के  क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए साई इंजीनियरिंग फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुनीश शर्मा, पीसी. पंत, तरुण कपूर, एसएन कपूर, अजय कुमार शर्मा, केशव रेड्डी और हरीश गुलेरिया को ऊर्जा उत्पादक संघ की ओर से सम्मानित किया।  बोनाफाइड हिमाचली हाइड्रो डिवेलपर्ज तथा हिमालय पावर प्रोड्यूसर एसोसिएशन ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री को 11 लाख रुपए का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए भेंट किया।

जो वीरभद्र नहीं कर सके, वह जयराम ने कर दिखाया

ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने कहा कि बिजली क्षेत्र के विकास के लिए जो काम वीरभद्र सिंह इतने सालों में नहीं कर सके, वह जयराम ठाकुर ने पहले कार्यकाल में ही कर दिया। अनिल शर्मा ने कहा कि ऊर्जा और पर्यटन क्षेत्रों में राज्य को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने तथा प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने की अपार संभावनाएं हैं।

 ऊर्जा उत्पादक बोले, फोरेस्ट क्लीयरेंस बड़ी अड़चन

बोनाफाइड हिमाचली जलविद्युत उत्पादक एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए वन स्वीकृति बहुत बड़ी अड़चन है क्योंकि इसकी प्रक्रिया जटिल और उबाऊ है, जिसे सरल करने की आवश्यकता है। हिमालय ऊर्जा उत्पादक संघ के अध्यक्ष अरुण कुमार, कारपोरेट अफेयर्ज जेएस. डब्ल्यू ऊर्जा लिमिटेड के सह उपाध्यक्ष ने हिमाचल प्रदेश में जल विद्युत पर विस्तृत प्रस्तुति दी।