अवैध निर्माण के लिए 12 अफसर जिम्मेदार

By: Aug 12th, 2018 12:10 am

कसौली गोलीकांड को लेकर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को भेजी सूची, 25 अक्तूबर को होगी मामले में सुनवाई

शिमला— बहुचर्चित कसौली गोलीकांड के बाद सामने आए अवैध निर्माण के मामले में 12 अधिकारी कानूनी शिकंजे में फंस सकते हैं। इन अफसरों की सूची प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था, जिस पर सरकार से ऐसे लोगों के नाम देने को कहा गया था, जो कि अवैध निर्माण के लिए दोषी समझे जाएंगे। इन अधिकारियों के कार्यकाल में कसौली में अवैध निर्माण हुआ, जिसमें नगर नियोजन विभाग के अधिकारी शामिल हैं। यहां अवैध रूप से निर्माण नहीं होता और न ही कसौली गोलीकांड जैसी वारदात सामने आती, जिसने हिमाचल को पूरे देश में शर्मसार कर दिया। इस मामले की सुनवाई 25 अक्तूबर को होनी तय हुई है। सूत्रों के अनुसार आठ अफसरों की सूची नगर नियोजन के निदेशक की ओर से दी गई है, जबकि चार लोगों की सूची अतिरिक्त मुख्य सचिव नगर नियोजन ने भेजी है। इसमें नीचे से लेकर ऊपर तक कई जिम्मेदार अधिकारियों के नाम शामिल हैं। कसौली गोलीकांड में एक होटल संचालक जो कि खुद एक कर्मचारी था, ने  नगर नियोजन विभाग की एक महिला अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। साथ ही एक अन्य कर्मचारी घायल हुआ था। गोली मारने वाला शख्स मौके से फरार हो गया था और कुछ दिन बाद पुलिस को हरिद्वार में मिला था। उसे अदालत ने जेल में डाल दिया है, जिस पर फैसला अभी आना बाकी है।

आखिर कैसे हुई वारदात, जांच कर रही अदालत : इससे पूर्व अदालत यह तसदीक कर रही है कि आखिर वारदात कैसे हो गई, जबकि वहां सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पूरा इंतजाम था। इतना ही नहीं पुलिस बल के मौजूद होने के बावजूद वह व्यक्ति वहां से फरार कैसे हो गया। इन सभी मामलों पर अभी सुनवाई चल रही है, जिस बीच घटना में लापरवाही बरतने के दोषी लोगों की जानकारी के साथ अवैध निर्माण के लिए दोषी लोगों की सूची सुप्रीम कोर्ट ने तलब कर दी।

कार्यप्रणाली पर उठे सवाल : इस बहुचर्चित मामले ने न केवल सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा दिए, वहीं उन अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठे हैं, जिनकी देखरेख में अवैध कब्जों को खत्म किया जा रहा है। दोषी व्यक्ति भी सरकारी कर्मचारी था, जो कि बिजली बोर्ड शिमला में कार्यरत था। कसौली में उसका अपना होटल था, लेकिन उसने अवैध निर्माण कर रखा था। नगर नियोजन विभाग अदालती आदेशों के बाद वहां से अवैध कब्जों को हटाने में लगा है और उनकी इस मुहिम को कसौली गोलीकांड ने जोरदार झटका दिया। बहरहाल सरकार ने अदालत को नाम सौंप दिए हैं, जिसमें देखना होगा कि अदालत लापरवाह अधिकारियों पर क्या फैसला सुनाती है। यहां बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण है जिस पर चरणबद्ध ढंग से नगर नियोजन विभाग कार्रवाई कर रहा है।


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