एनजीटी में पक्ष रखेगा टीसीपी
छह को सुनवाई, कसौली में डेढ़ साल से निर्माण पर प्रतिबंध
कसौली— एनजीटी के कसौली में कंस्ट्रक्शन पर बैन को लेकर टीसीपी एक बार फिर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दरवाजे पर दस्तक देगा। टीसीपी एरिया में पिछले डेढ़ साल से निर्माण पर प्रतिबंध लगा है, जिस कारण स्थानीय लोग भी गैर व्यावसायिक निर्माण नहीं कर पा रहे हैं। होटलों पर कानूनी कार्रवाई आम लोगों के लिए भी किसी सजा से कम नहीं है, जिन्हें निर्माण के लिए एनजीटी के प्रतिबंध को हटाए जाने का बेसब्री से इंतजार है। टीसीपी इसी सिलसिले में ट्रिब्यूनल की छह सितंबर की सुनवाई में अपना पक्ष रखने की तैयारी कर चुका है। हालांकि एक बार पहले भी टीसीपी की और से यह गुहार लगाई जा चुकी है, जिसे सुनवाई की शुरूआत में ही खारिज कर दिया गया था। ऐसे में एनजीटी के रुख में नरमी आने की संभावना भी कम ही है। गौरतलब है कि कसौली में 13 होटलों से अवैध निर्माण को लगभग गिराया जा चुका है। हिल स्टेशन में अवैध निर्माण को लेकर 30 और होटलों की सुनवाई ग्रीन ट्रिब्यूनल में चल रही है, जिस पर अभी फैसला आना बाकी है। स्थानीय विधायक व मंत्री डा. राजीव सहजल भी इस मसले पर सरकार से आम लोगों को घरेलू निर्माण में राहत दिलाने की पैरवी कर चुके हैं।
कसौली क्षेत्र के 35 राजस्व गांव प्रभावित
टीसीपी के दायरे में आ रहे कसौली के 35 राजस्व गांव पिछले डेढ़ साल से कोई निर्माण नहीं कर पा रहे हैं। स्थानीय लोग भी प्रतिबंध में राहत दिए जाने की मांग कर रहे हैं। स्थानीय निवासी राजीव कौंडल, चेतन, सोनू ने कहा कि अवैध निर्माण के खिलाफ एनजीटी की कार्रवाई सही है, लेकिन निर्माण कार्य पर पूरी तरह प्रतिबंध नहीं लगाया जाए। आम आदमी को इससे राहत दी जाए।
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