कहर बरपा सकती है रोहतांग की पहाड़ी

केलांग – मनाली-लेह मार्ग पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है। बरसात के चलते रोहतांग की पहाड़ी के गिरने का सिलसीला लगातार जारी है। ऐसे में यहां से गुजने वाले वाहन चालक खासे परेशान हैं। बीआरओ भी रोहतांग की पहाड़ी से गिर रही चट्टानों के मलबे को मशिनों से हटाने का काम युद्ध स्तर पर चला रखा है, लेकिन बरसात में रोहतांग की पहाड़ी अब यहां से गुजरने वाले सैलानियों को डरा रही है। पहाड़ी के कुछ क्षेत्रों में सलाइडिंग प्वाइंट बने हुए हैं और यहां तेज बारिश के बीच पहाड़ी से मलबा गिरने का खतरा बना रहता है। यही नहीं, बात यहां कोकसर की तरफ की करें तो यहां पर भी करीब पांच किलोमीटर का रास्ता ऐसा है जो पूरी तरहा सलाइडिंग प्वाइंट में तबदिल हो गया है। बारिश के बीच इस रास्ते में पड़ी मिट्टी दलदल में तबदिल हो जाती है, जो ड्राइवरों के लिए आफत बन जाती है। ऐसे में मढ़ी से लेकर कोकसर तक का सफर ड्राइवरों की ठंडे रोहतांग दर्रे पर भी पसीने छुड़ा रहा है। रोहतांग की पहाड़ी पर कुछ स्थलों पर सड़क इतनी संकरी हो गई है कि यहां से एक समय में एक ही वाहन गुजर सकता है। ऐसे में बीआरओ उन स्थलों को भी चिन्हित कर सड़क को चौड़ा करने के कार्य में भी जुटा हुआ है, लेकिन बरसात के चलते यहां खतरा और बढ़ गया है। एडीएम कुल्लू एचं कार्यकारी उपायुक्त अक्षयू सूद का कहना है कि बरसात में जिला के कई क्षेत्रों में भू-स्खलन का खतरा बना रहता है। बात जहां रोहतांग की सड़क की है वहां पर भी बीआरओ ने ब्लैक स्पाट चिन्हित कर रखे हैं। मशीनों के माध्यम से सड़क के तंग हिस्सों को चौड़ा किया जा रहा है। वह लोगों से यही अपील करना चाहते हैं कि मौसम को ध्यान में रख ही रोहतांग के सफर पर निकलें।