किसी हादसे को न्योता दे रहे सफेदे के बडे़ पेड़

कंडाघाट -कंडाघाट के रेलवे स्टेशन के समीप विशालकाय सफेदे के पेड़ कभी भी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। रेलवे बोर्ड द्वारा इन पेड़ों को काटने की अनुमति के बाद भी रेलवे विभाग इन पेड़ों को नहीं काट पा रहा है। इन सफेदे के पेड़ों के आसपास रहने वाले लोगों को हर समय डर लगा रहता है कि ये कभी भी गिर सकते हैं। जानकारी के अनुसार पिछले काफी समय से रेलवे स्टेशन कंडाघाट के समीप लगते तीन सफेदे के पेड़ों के कारण यहां पर किसी भी समय कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है। चार दिन पहले भी रेलवे विभाग कंडाघाट का एक पपलर का पेड़ बरसात के कारण टूटकर नेशनल हाई-वे पर जा गिरा था, जिसके चलते ये मार्ग करीब एक घंटे तक वाहनों की आवाजाही के लिए पूर्ण रूप से बंद हो गया था। ये पहली घटना नहीं है जब रेलवे विभाग का पेड़ टूटा हो, कुछ साल पहले एक 80 साल पुराना विशालकाय सफेदे का पेड़ टूटकर नेशनल हाई-वे पर जा गिरा था, जिसके बाद ये मार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए करीब आठ घंटे तक बंद रहा था। इस पेड़ के टूटने के बाद रेलवे बोर्ड ने रेलवे स्टेशन कंडाघाट के आसपास लगे पुराने 27 सफेदे के पेड़ काटने की अनुमति दी थी। उस समय रेलवे विभाग के कर्मचारियों द्वारा करीब 24 ही पेड़ काटे गए थे और तीन पेड़, जो कि कंडाघाट बाजार में बने रेलवे पुल के साथ लगे हैं को नहीं काटा गया। बरसात व तेज हवाआें के चलते इन पेड़ों से स्वयं ही टहनियां टूट कर बाजार में गिर जाती हैं कई बार इन टहनियों से लोग व वाहन बच गए। यदि इन तीन पेड़ों में से कोई पेड़  गिर गया तो नेशनल हाई-वे कभी भी बंद हो सकता है। स्थीनीय लोगों ने भी इस संबंध में इन पेड़ों को कटवाने को लेकर कई बार रेलवे विभाग से भी आग्रह किया, लेकिन रेलवे बोर्ड द्वारा पेड़ों को काटने की अनुमति होने के बावजूद रेलवे विभाग कंडाघाट द्वारा इन पेड़ों को नहीं कटवाया जा रहा है। स्थानीय लोगों ने कहा कि यदि कल को ये पेड़ गिर गए और कोई दुर्घटना घटेगी तभी क्या रेलवे विभाग कुभंकर्णीय नींद से जागेगा। स्थानीय लोगों ने रेलवे विभाग से मांग की है कि इन तीन पेड़ों को कटवाया जाए, ताकि कोई बड़ी घटना न घटे।