तबाही की बारिश….टापू बन गया गांव

बिझड़ी  —पिछले पांच दिनों से 80 परिवार काला पानी का जीवन जीने पर मजबूर हैं। अभी तक प्रशासन की तरफ  से पीडि़तों तक कोई भी राहत नहीं पहुंच सकी है। हालात ये हैं कि दर्जनों छोटे-बड़े वाहन व ट्रैक्टर टापू बने गांव में फंसे पड़े हैं, क्योंकि मुख्य सड़क तक पहुंचने का रास्ता पूरी तरह से तबाह हो चुका है। स्कूली बच्चे, बुजुर्ग व बीमार लोगों को आने जाने में सबसे ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मामला उपमंडल बड़सर की ग्राम पंचायत समताना के वार्ड नंबर सात बल्ला गांव का है। यहां 80 के लगभग परिवारों वाले इस गांव को जोड़ने वाली कच्ची सड़क बरसात के कारण पूरी तरह से तबाह हो चुकी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि शुक्कर खड्ड के रौद्र रूप को देखते हुए अब हमें अपने जान-माल की चिंता भी सता रही है। इस बार बरसात में सड़क के साथ-साथ लोगों की उपजाऊ भूमि भी कटाव का शिकार हो रही है। खड्ड में किए जाने वाले अवैध खनन के कारण आज उनका गांव टापू बनकर रह गया है। शिकायतों के बावजूद भी प्रशासन समस्या को सुलझाने के प्रति गंभीर नहीं है। अगर बीमार व वृद्ध व्यक्तियों को मुख्य सड़क तक लाना हो तो दो से अढ़ाई घंटों का समय लग रहा है, जबकि छोटे-छोटे स्कूली बच्चे कंधों पर उठाकर स्कूल पहुंचाए जा रहे हैं। अगर प्रशासन द्वारा समय रहते खड्ड के किनारे सपर लगा देता तो लोग काला पानी का जीवन जीने को मजबूर नहीं होते। पूर्व वार्ड पंच सुनील कुमार, नरेंद्र कुमार, सन्नी, संजीव, अशोक, किक्कर सिंह, प्यार चंद, लेखराम, उद्धम सिंह व रतन चंद ने प्रशासन से समस्या का समाधान निकालने की गुहार लगाई है।