दावे हवा, बरसात में सड़के बंद

बिझड़ी – आधुनिकता के इस युग में भी अगर लोग सड़क सुविधा के लिए तरस रहे हों तो प्रशासन व सरकार के विकास के दावों की पोल खुद ही खुल जाती है। मामला किसी दूरदराज के इलाके का नहीं, बल्कि उपमंडल बड़सर के जमली-चलेली सड़क मार्ग का है। ग्राम पंचायत जमली के सभी गांवों व समेला के जरल, मांजरू, सकड़ी, चलैली आदि गांवों को मुख्य सड़क से जोड़ने के  उद्देश्य को लेकर विशेष योजना के तहत वर्ष 2005 में इस सड़क का निर्माण लाखों रुपए से किया गया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि  यह सड़क यातायात के लिए बंद हो चुका है। बरसात की छुट्टियों के खत्म होने के बाद स्कूल शुरू हो चुके हैं, लेकिन सड़क  खराब होने के कारण क्षेत्र के निजी व सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 100 के करीब बच्चों को स्कूल आने जाने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।  लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों से बार-बार गुहार लगाने के बाद भी समस्या हल नहीं हो रही। लोगों में रोष है कि पिछले माह  चकमोह में आयोजित जनमंच  कार्यक्रम में समस्या उठाए जाने के बावजूद भी कुछ नहीं हो पाया है। कार्यक्रम में सड़क  की  खस्ताहालत से  होने वाली समस्याओं के निदान के लिए सरकार के समक्ष लोगों ने लिखित आवेदन किया था। इस दौरान कार्यक्रम में शिरकत कर रहे उद्योग मंत्री ने समस्या का हल करने का आश्वासन लोगों को दिया था, साथ ही विभागीय अधिकारियों को इस सड़क की रिपेयर करने के आदेश दिए थे। ग्रामीणों का आरोप है कि कार्यक्रम के एक माह बाद भी कोई अधिकारी और न ही विभागीय कर्मचारी इस सड़क मार्ग की सुध लेने के लिए अभी तक पंहुच पाया है। ग्राम पंचायत प्रधान व स्थानीय लोगों ने विभाग से शीघ्र अति शीघ्र इस सड़क मार्ग की रिपेयर की मांग की है, साथ ही चेताया है कि यदि विभाग समस्या का हल नहीं करता है तो लोक निर्माण विभाग बड़सर के कार्यालय का घेराव किया जाएगा। सतीश सोनी प्रधान ने कहा कि लोक निर्माण विभाग से पिछले कई वर्षों से सड़क मार्ग की हालत को सुधारने की गुहार लगाई जा रही ही। विभाग के अधिकारियों ने इस समस्या के हल के लिए कोई रूचि नहीं दिखा रहे हैं।