पथ परिवहन निगम धर्मशाला के मंडलीय प्रबंधक निलंबित

शिमला— 61 लाख की रिकवरी से जुड़े जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित करने के मामले में एचआरटीसी धर्मशाला के मंडलीय प्रबंधक दलजीत सिंह पर निलंबन की गाज गिर गई है। निगम प्रबंधन ने उक्त प्रकरण में मंडलीय प्रबंधक को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया है और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि मंडलीय प्रबंधक ने रिकवरी से जुड़ी कमेटी के मुखिया होते हुए किराएदारों को रिकार्ड में मृत घोषित कर दिया था। मामला प्रकाश में आने के बाद सरकार ने उक्त प्रकरण की जांच की, जिसमें सामने आया है कि लाइसेंसी को मृत घोषित करना मंडलीय प्रबंधक की गंभीर चूक है। आरोप थे कि उक्त अधिकारी ने एचआरटीसी हमीरपुर में सात वर्ष कार्य करने के बावजूद किराएदार से 61 लाख 64 हजार रुपए की राशि वसूलने में विफल रहा और मिलीभगत कर किराएदार की मृत्यु की झूठी सूचना देकर मुख्य कार्यालय को भी जान बूझकर गुमराह किया। आरोप है कि उक्त अधिकारी की मिलीभगत कर्तव्य विमुखता और झूठी सूचना से एचआरटीसी को लाखों रुपए का चूना लगा है। आरोप है कि इससे पहले भी यही अधिकारी टायर ट्यूब व स्पेयर पार्ट्स के लाखों रुपए के चर्चित घोटाले में दोषी पाया गया हैं, इसमें भी उक्त अधिकारी की तीन इन्क्रीमेंट बंद हो चुकी है। उधर, परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि रिकवरी से जुड़े मामले में दोषी मंडलीय प्रबंधक को निलंबित कर दिया गया है।

परिवहन मजदूर संघ ने उठाया था मामला

हिमाचल परिवहन मजदूर संघ ने भी इस मामले को प्रमुखता से उठाया था और दोषी मंडलीय प्रबंधक के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की थी। संघ के प्रदेशाध्यक्ष शंकर सिंह ठाकुर का आरोप था कि उक्त अधिकारी ने एचआरटीसी हमीरपुर में सात वर्ष कार्य करने के बावजूद किराएदार से 61 लाख 64 हजार रुपए की राशि नहीं वसूली थी। उल्टे अधिकारी ने निगम प्रबंधन को गुमराह करते हुए लाखों की चपत लगाई है।