पांच दिन बाद भी एनएच बंद

पद्धर —कोटरूपी की पहाड़ी के नीचे बीते शुक्रवार से बंद हुए नेशनल हाई-वे की बहाली को लेकर प्रशासन को नेशनल हाई-वे अथारिटी को आगे लाना पड़ा। सोमवार को नेशनल हाई- वे के चीफ  इंजिनियर वीके शर्मा पूरी टीम के साथ कोटरूपी पहुंचे थे और नेशनल हाई-वे की बहाली को लेकर विभागीय इंजीनियरों के साथ स्पॉट पर योजना बनाई। इंजीनियरों ने पहाड़ी की मिट्टी के दलदल के नीचे से भारी मात्रा में पानी के रिसाव को भू-स्खलन का मुख्य कारण माना। अब तक यहां रेस्टोरेशन का कार्य लोक निर्माण विभाग का बी एंड आर विंग देख रहा था। लोगों के विरोध के बावजूद गत माह प्रीमानसून में पहाड़ी के नीचे बनी झील को लोक निर्माण विभाग द्वारा मशीनें लगाकर मिट्टी से भरकर बंद कर दिया गया और पानी निकासी को नाले की पुरानी अलाइनमेंट से हटकर रास्ता निकाल दिया। शुक्रवार रात को बरसात की पहली ही बारिश ने कोटरूपी में एक बार फिर से तबाही मचा दी। गत वर्ष बहाल किया गया एनएच पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, जिस कारण हाई-वे पिछले पांच दिन से बंद है। यहां आए इंजीनियरों के लिए हाई-वे की बहाली को लेकर कई पेंच सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि पुराना नेशनल हाई-वे मलबे से काफी नीचे है। ऐसे में यहां पुराने हाई-वे को बहाल करने की दिशा में काम किया जाता है तो कहर बरपा रहे पहाड़ी के मलबे को उठाकर उसकी डंपिंग कहां की जाए, इस समस्या ने इंजीनियरों को परेशानी में डाल दिया है। अगर मिट्टी को नीचे नाले में फेंका जाता है तो और भी नुकसान हो सकता है। इंजीनियरों के मुताबिक कोटरूपी के नाले के पानी ने पहाड़ी के नीचे अपनी पुरानी जगह ले ली है, जो बहते हुए पहाड़ी के मलबे को लगातार नीचे को घसीट रहा है।