पूर्व सीएम सहित दोषियों पर होगी कार्रवाई

गद्दी समुदाय के खिलाफ गलत बयान और लाठीचार्ज पर एसटी कमीशन का एक्शन

धर्मशाला— पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के गद्दी समुदाय पर दिए बयान व धर्मशाला में लाठीचार्ज मामले में अनुसूचित जनजाति आयोग ने ढुलमुल रैवेया पर कड़ी फटकार लगाई है। आयोग ने मामले की जांच आईजी लेवल के अधिकारी से करवाने तथा एक्ट के अनुसार पूर्व सीएम पर कार्रवाई की बात कही है। साथ ही संबंधित कमेटी को सारे मामले की एक माह के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है। इतना ही नहीं आयोग ने आंदोलनकारियों के केस वापस लेने और प्रभावितों को आर्थिक मुआवजा देने के भी सख्त निर्देश दिए हैं। सात अगस्त, 2017 को वीरभद्र सिंह ने विवादित बयान दिया था और शनिवार को (सात अगस्त, 2018) ठीक एक साल बाद आयोग में फिर से सुनवाई की। इसमें अनुसूचित जनजाति आयोग के चेयरमेन नंद कुमार सहाय, उपाध्यक्ष सुश्री अनसूहिया और अन्य सदस्य एवं अधिकारी उपस्थित रहे। हिमाचल सरकार की ओर से ज्वाइंट सेक्रेटरी होम, डीजी और शिकायतकर्ता एवं भाजपा एसटी मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष त्रिलोक कूपर मौजूद रहे। मंगलवार को दोपहर बाद अनुसूचित जनजाति आयोग मुख्यालय लोकनायक भवन नई दिल्ली में इस मामले की सुनवाई हुई। आयोग की उपाध्यक्ष सुश्री अनसूहिया ने कहा कि आयोग संवैधानिक संस्था है और संबंधित अधिकारियों को जनजातीय लोगों के प्रति अपनी जवाबदेही समझते हुए समय पर कार्रवाई करनी चाहिए थी। आयोग की उपाध्यक्ष ने बताया कि यदि  पूर्व मुख्यमंत्री के बयान से यदि समुदाय के लोग आहत हुए हैं तो उनके खिलाफ भी एक्ट के मुताबिक एट्रोसिटी लग सकती है। साथ ही जिन अधिकारियों ने बेगुनाह लोगों पर लाठियां बरसाने के आदेश दिए, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए।

जनजातीय आयोग ने दी बड़ी राहत

शिकायतकर्ता एवं एसटी मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष त्रिलोक कपूर का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह सहित अन्य लोग इस मामले को दबाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन आयोग ने गद्दी समुदाय के लोगों को ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन देकर बड़ी राहत प्रदान की है। यह पहाड़ के भोले-भाले लोगों की जीत है।