बंद के वक्त शिकार…विभाग के जाल में फंसे मछुआरे

बिलासपुर —बंद सीजन के दौरान इस बार मत्स्य विभाग के फ्लाइंग स्क्वायड और टीमों ने प्रदेश के जलाशयों में अवैध शिकार के 218 मामले पकड़े हैं। इसके तहत 1.84 लाख रुपए का जुर्माना वसूल करने के अलावा अवैध शिकार के रूप मंे जब्त की गई मछली की नीलामी कर 17965 रुपए की राशि प्राप्त की। मछली के अवैध शिकार के सर्वाधिक मामले पौंग डैम, जबकि इससे कम गोबिंदसागर मंे पकड़े गए हैं। अब विभाग ने फैसला लिया है कि अगले साल से जलाशयों में मछली का अवैध शिकार करने वालों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाएगा। मत्स्य निदेशक सतपाल मेहता ने बताया कि पहली जून से लेकर 31 जुलाई तक बंद सीजन रहता है, लेकिन इस बार शुरुआत मंे बारिश कम होने के चलते 15 दिन की अवधि बढ़ाई गई, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। इसके मद्देनजर अब निर्णय लिया गया है कि अगले साल से 15 जून से लेकर 15 अगस्त तक क्लोज सीजन होगा। इस बाबत रूल्ज मंे अमेंडमंेट करने के लिए एक प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार की स्वीकृति के लिए प्रेषित किया गया है। उस ओर से हरी झंडी मिलने के बाद व्यवस्था को प्रभावी तरीके से लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बंद सीजन मंे इस बार मछली का अवैध शिकार करने वालों पर शिकंजा कसा गया है। उन्होंने बताया कि निगरानी के लिए हर डैम मंे एक एक टीम व फ्लाइंग स्क्वायड लगाए गए थे। उन्होंने अवैध शिकार करने के मामले पकड़े हैं। पूरे प्रदेश मंे इस बार दो सौ अठारह केस पाए गए हैं, जिसके तहत गोबिंदसागर मंे 74 केस पकड़े गए हैं। 39700 रुपए जुर्माना राशि वसूल की गई। इसके अलावा पौंग डैम में इस मर्तबा सर्वाधिक 98 केस पकड़े गए हैं और 1.16 लाख रुपए की जुर्माना राशि वसूल की गई, जबकि जब्त की गई मछली की नीलामी करने पर 5790 रुपए प्राप्त हुए हैं। इसी प्रकार चंबा जिला मंे चमेरा और रणजीत सागर डैम मंे कुल 46 मामले पकड़े गए हैं जिसके तहत 28300 रुपए जुर्माना राशि वसूल की गई तो जब्त की गई मछली की नीलामी करने पर 12175 रुपए प्राप्त किए गए हैं। उन्होंने बताया कि आगे से अवैध शिकार करने वालों की धरपकड़ के लिए सुनियोजित ढंग से जाल बिछाया जाएगा।

70 एमएम साइज का 72000 स्टॉक डाला

मत्स्य निदेशक सतपाल मेहता के अनुसार गोबिंदसागर में शुक्रवार को सिल्वर कार्प प्रजाति की मछली का 72000 स्टॉक डाला गया है। यह स्टॉक रायपुर के पास डाला है। खास बात यह है कि इस मर्तबा मछली का 70 एमएम साइज का बीज झील मंे डाला है।