बच्चों का अकादमिक वर्ष बचाए सरकार

चंडीगढ़ – शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने आरोप लगाया कि पंजाब स्कूली शिक्षा बोर्ड से जुड़े स्कूलों में ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के लिए इतिहास विषय के पाठ्यक्रम का सत्र शुरू होने के साढ़े चार महीने बाद भी अंतिम रूप न दिए जाने के कारण इन कक्षाओं के छात्रों का अकादमिक वर्ष बर्बाद हो रहा है, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की है। जारी बयान में शिअद नेता और पंजाब के पूर्व शिक्षा मंत्री डा. दलजीत सिंंह चीमा ने आरोप लगाया कि बोर्ड पाठ्यक्रम और पाठ्य सामग्री किश्तों में मुहैया करा रहा है और अब तक बारहवीं कक्षा के लिए इतिहास का केवल एक अध्याय मुहैया कराया गया है। उन्होंने कहा कि चूंकि पहले अध्याय में तथ्यात्मक गलतियां, समुदायों की धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं को चोट पहुंचाने वाली भाषा आदि थी, बोर्ड ने उसमें संशोधन की तैयारी दिखाई। डा. चीमा के अनुसार इसके अलावा यह अध्याय अंग्रेजी में ही है, जबकि काफी छात्र पंजाबी माध्यम में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 90 फीसदी छात्रों के पास पाठ्य सामग्री नहीं है, जबकि सितंबर में उन्हें छमाही परीक्षा देनी है। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्यजनक ही है कि सत्र शुरू होने के साढे चार महीने बाद भी पाठ्यक्रम तय नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि यह यही दर्शाता है कि राज्य सरकार के लिए छात्रों की चिंता सबसे अंत में आती है जो बेहद निराशाजनक है। शिअद नेता के अनुसार पाठ्यक्रम बनाने के लिए नियुक्त विशेषज्ञ समिति ने इस साल पिछले पाठ्यक्रम  को जारी रखने का सुझाव दिया था ताकि नया पाठ्यक्रम और पाठ्य सामग्री तैयार करने का समय मिले और यह अगले सत्र से पहले तैयार हो जाए लेकिन यह सुझाव ठुकरा दिया गया। उन्होंने मांग की कि सिलेबस तुरंत तैयार कर सार्वजनिक किया जाना चाहिए और पाठ्य सामग्री युद्ध स्तर पर तैयार कर छात्रों को उपलब्ध कराई जानी चाहिए ताकि उनका एक अकादमिक वर्ष बर्बाद होने से बचाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि यदि ऐसा नहीं हो सकता तो पिछले साल का पाठ्यक्रम लागू किया जाए।