बारिश में बहे हमीरपुर के 23 करोड़

पीडब्ल्यूडी-बिजली बोर्ड-आईपीएच विभाग को भारी नुकसान, फसलों पर भी मार

हमीरपुर— हमीरपुर जिला को रविवार रात से सोमवार सुबह तक बरसात ने जिस तरह कहर ढाया, उससे जिला को न सिर्फ आर्थिक नुकसान हुआ, बल्कि खामोशी से सो रही दो जिंदगियां भी मलबे में दफन हो गईं। इसके अलावा जिला भर की कई जगहों के घरों और दुकानों में मलबा घुसने की खबर है। मिली जानकारी के मुताबिक, भारी बारिश से हमीरपुर जिला को 23 करोड़ का नुकसान हुआ, वहीं भोरंज की झरलोग पंचायत के टिक्का थाना गांव में आधी रात को हुए भू-स्खलन से दादी-पोती की घर के अंदर मलबा आ जाने से मौत हो गई। प्रशासन ने प्रभावित परिवार को फौरी राहत जारी कर दी है। वहीं मटौर-शिमला राजमार्ग डिडवीं टिक्कर के पास अवरुद्ध हो गया, जिससे शिमला व हमीरपुर आने वाली बसों के रूट में भी परिर्वतन किया गया। एनएच को खुलवाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी विभागीय अधिकारियों को दिए गए हैं। भारी बरसात से लोक निर्माण विभाग की सड़कों व पुलों को पांच करोड़ 94 लाख का नुकसान हुआ है। जिला के लोक निर्माण विभाग के 63 सड़कों को बरसात से नुकसान हुआ। इनमें से हमीरपुर डिविजन में 15 सड़कें, बड़सर डिविजन में 26 तथा टौणी देवी मंडल में 22 सड़कें शामिल हैं। समाचार लिखे जाने तक 51 सड़कों को यातायात के लिए बहाल कर दिया गया था। बारिश से विद्युत विभाग को 22 लाख के करीब नुकसान आंका गया है। विद्युत विभाग के 270 ट्रांसफार्मर दुरुस्त किए गए हैं। विद्युत आपूर्ति की सप्लाई सुचारू की जा रही है। बारिश से आईपीएच विभाग की ब्यास नदी से संबंधित पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। अभी तक यहां लगभग पांच करोड़ का प्रारंभिक नुकसान बताया जा रहा है। आईपीएच विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कई जगहों पर विद्युत ट्रांसफार्मर में दिक्कत आने से पेयजल सप्लाई बाधित हुई। फसलों को भारी नुकसान हुआ है। कृषि विभाग नुकसान का आकलन कर रहा है।

प्रशासन ने जारी किया अलर्ट

जिला प्रशासन ने लिलावसियों को बरसात में घर से बाहर न जाने की सलाह दी है। साथ ही प्रशासन ने नदियों-नालों में पानी के उफान को देखते हुए कहा उनके आसपास ने जाने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने जिला में अलर्ट घोषित किया है।