रेगुलर होंगे 800 प्रिंसीपल

By: Aug 2nd, 2018 12:01 am

प्रदेश सरकार ने तैयार की फाइनल रिपोर्ट, विभिन्न स्कूलों के प्रवक्ताओं को 15 अगस्त से पहले मिलेगा तोहफा

शिमला  – राज्य के सरकारी स्कूलों में वर्ष 2008 से एडहॉक और प्लेसमेंट के आधार पर प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्त हुए प्रवक्ताओं को जल्द राहत मिलेगी। राज्य सरकार इन प्रवक्ताओं को नियमित तौर पर प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्ति देने जा रही है। जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग और राज्य सरकार ने प्रधानाचार्यों को रेगुलर करने की अंतिम सूची तैयार कर दी है। बताया जा रहा है कि 15 अगस्त से पहले इन शिक्षकों को राहत दे दी जाएगी। विभागीय जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग ने 1300 ऐसे प्रवक्ताओें की सूची तैयार की थी, जिनमें से 800 प्रवक्ताओं को रेगुलर प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्त किया जाएगा। खास बात तो यह है कि इसके अलावा 2008 से ऐसे प्रवक्ता, जो बिना रेगुलर हुए ही रिटायर हो गए, उन्हें भी वित्तीय लाभ सरकार की ओर से दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि सरकार और शिक्षा विभाग एडहॉक और प्लेसमेंट आधार पर प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्त होने के बाद रिटायर हुए प्रवक्ताओं की भी लिस्ट तैयार कर रही है, ताकि उन्हें जल्द आर्थिक लाभ दिया जा सकें। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में वर्ष 2008 पर प्रधानाचार्यों की नियुक्ति रेगुलर नहीं की गई। यही वजह है कि लंबे समय से स्कूल प्रवक्ता संघ और अन्य शिक्षक संघों द्वारा मांग की जा रही थी कि प्रधानाचार्य के पद पर नियमित भर्ती की जाए। जानकारी  के अनुसार एडहॉक और प्लेसमेंट के आधार पर प्रिंसीपल के पद पर नियुक्त हुए प्रवक्ताओं को जहां नियमितीकरण का तोहफा मिलेगा, तो वहीं इसके बाद स्कूलों में प्रधानाचार्य के पद पर नियमित नियुक्ति को लेकर ही प्लान तैयार किया जा रहा है। पूर्व सैनिक कोटे से नियुक्त प्रधानाचार्यों की डिमोशन की प्रक्रिया भी विभाग ने पूरी कर दी है। लगभग 500 प्रधानाचार्यों पर गाज गिरने की आंशका जताई जा रही है। प्रधानाचार्यों की डिमोशन को लेकर भी सरकार अधिसूचना जारी करेगी। विभागीय सूत्र बताते हैं कि विभाग डिमोशन और नियमितीकरण का फैसला एक साथ लेगा।

पूर्व सैनिक कोटे वालों को राहत नहीं

अहम है कि वर्ष 2008 से ऐसे प्रधानाचार्यों को रेगुलर नहीं किया जाएगा, जिनकी पूर्व सैनिक कोटे से नियुक्ति हुई है। राज्य सरकार की ओर से ऐसे प्रवक्ताओं के बारे में स्थिति साफ कर दी गई है। बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग की ओर से की गई स्क्रूटनी में सामने आया है कि लगभग 500 शिक्षक ऐसे हैं, जो वर्ष 2008 में पूर्व सैनिक कोटे से प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्त हुए थे। इन शिक्षकों को फिलहाल सरकार की ओर से कोई राहत नहीं दी गई है।


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