हम तुम्हें कभी भुला न पाएंगे; जब भी याद आओगे, हम तुम्हें दिल में पाएंगे

शिमला —हिमाचल को अपना दूसरा घर मानने वाले स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का राजधानी शिमला से गहरा लगाव था। शिमला के प्राकृतिक सौंदर्य के कायल अटल बिहारी वाजपेयी अपने कार्यकाल के दौरान विधानसभा व लोकसभा चुनावी अभियान के लिए कई बार शिमला आए। अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री सड़क योजना की बदौलत ही आज शिमला ऊपरी शिमला के दूर-दराज के क्षेत्रों से जुड़ पाया है। अटल बिहारी वाजपेयी की यादों को साझा करते हुए जुब्बल-कोटखाई के भाजपा विधायक नरेंद्र बरागटा ने कहा कि उनका निधन देश के लिए कभी न भरने वाली क्षति है। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी से ही प्रेरित होकर उन्होंने राजनीति में कदम रखा। यही नहीं, 1993 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रामलाल ठाकुर के विपरीत उनसे पहले अटल बिहारी वाजपेयी चुनावी अभियान के लिए जुब्बल आए थे, जो एक कार्यकर्ता के प्रति उनके प्रेम व स्नेह को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के विकास के लिए अनेक योजनाएं भी उनकी अभूतपूर्व प्रधानमंत्री सड़क योजना का ही परिणाम हैं। उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में खोले गए इंजीनियरिंग कालेज और महिलाओं व वृद्धों के लिए बनाए गए विश्राम स्थल का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को कोटखाई में सुबह शोक सभा आयोजित की जाएगी।

शिमला से जुड़ी कई यादें

पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए संदैव तत्पर रहने वाले अटल बिहारी वाजपेयी की अनेक यादें भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं से जुड़ी हैं। यही नहीं, शिमला के लिए अपने विशेष लगाव व प्रेम के चलते जिला की बहुत सी विकासात्मक योजनाओं का नाम उनके नाम पर रखा गया है।