हर तीन महीने बाद खिलाएं कीड़ों की दवाई

By: Aug 23rd, 2018 12:05 am

मेरी भैंस आठ महीने की गाभिन है। क्या उसे पेट के कीड़ों की दवाई दे सकते हैं? उसके बच्चे को पेट के कीड़ों की दवाई कब देनी चाहिए?

हितेंद्र, बिलासपुर

 गाभिन पशु को प्रसूति से दो महीने पहले पेट के कीड़ों की दवाई अवश्य देनी चाहिए। यह वह समय होता है जब अगर मां के पेट में कीड़े हों तो वे खून से बच्चे में चले जाते हैं। अगर मां के पेट में कीड़े हों तो वह अंडे कीड़ (खीस) में भी आते हैं और बच्चे के पेट में चले जाते हैं। आप अपने पशु चिकित्सा अधिकारी से लिखवाकर अपने पशु को पेट के कीड़ों की दवाई दें। आगे से ध्यान रखें कि साल में चार बार अपने पशु को पेट के कीड़ों की दवाई अवश्य खिलाएं।

जहां तक उसके बच्चे की बात है उसे 15 दिन की उम्र में पेट के कीड़ों की खुराक दें। पहले छह महीने की उम्र तक उसे हर माह  पेट के कीड़ों की खुराक दें। सात माह से एक साल तक उसे हर दो महीने में पेट के कीड़ों की खुराक दें। एक साल की उम्र के बाद उसे हर तीन महीने के बाद पेट के कीड़ों की दवाई दें अर्थात साल में चार बार पेट के कीड़ों की  दवाई दें।

मेरी गाय को कृत्रिम गर्भाधान करवाए 2 1/2 महीने हो गए हैं क्या कोई ऐसा परीक्षण। टेस्ट है, जिससे उसके गाभिन होने का पता लग जाए?

लेख राज, सुंदरनगर

कृत्रिम गर्भाधान के अढ़ाई-तीन महीने बाद पशु की गुदा में हाथ डालकर परीक्षण करने से यह 100 प्रतिशत पता लग जाता है कि पशु गाभिन है कि नहीं। इसलिए आप अपने पशु की निकटतम पशु चिकित्सालय में जाकर जांच करवाएं। इसके अलावा अभी तक भारत में कोई ऐसा परीक्षण नहीं है जिससे पशु के गर्भ के बारे में पता लग सके। हां कुछ देशों जैसे आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, डैनमार्क आदि में कृत्रिम गर्भाधान करवाने के 20 दिन बाद दूध का स्ट्रीप टेस्ट करके पशु के गर्भ के बारे में पता चल जाता है, परंतु अभी यह भारत में उपलब्ध नहीं है। कई लोग/ बुजुर्ग बाहर से देखकर या पेट पर हाथ लगाकर पशु के गर्भ के बारे  में जानकरी देते हैं, जो संभव नहीं है। कृप्या इन लोगों की बातों पर विश्वास न करें क्योंकि इससे नुकसान केवल पशु पालक का होता है। कई लोग कहते हैं कि पशु के गर्भ का परीक्षण करवाने से गर्भापात हो जाता है। यह बात भी निराधार है। ऐसा कभी नहीं हो सकता है कि गर्भ परीक्षण से पशु का गर्भापात हो जाए। तीन महीने पर परीक्षण करवाने के बाद लगभग साढ़े सात महीने पर पशु का दोबारा परीक्षण अवश्य करवाएं। इससे पशु के पेट में पल रहे बच्चे के विकास के बारे में पता चलता है।

डा. मुकुल कायस्थ वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी, उपमंडलीय पशु चिकित्सालय पद्धर(मंडी)

फोनः 94181-61948

नोट : हेल्पलाइन में दिए गए उत्तर मात्र सलाह हैं।

Email: mukul_kaistha@yahoo.co.in


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