हिमांशु का 36 घंटे बाद भी कोई सुराग नहीं

 कसौली —सातवीं कक्षा के छात्र हिमांशु को कौशल्या नदी में डूबने के 36 घंटे बाद भी प्रशासन ढूंढने में नाकाम रहा है। वहीं दूसरे दिन घटना स्थल पर प्रशासन के सर्च आपरेशन में कोई तेजी नजर नहीं आई। प्रशासन की ओर से दमकल व पुलिस विभाग के मुठ्ठी भर लोग ही स्थानीय लोगों की मद्द से हिमांशु की तलाश में जुटे रहे। जानलेवा जोखिम से भरी इस नदी में लाठियों के सहारे ही बच्चे की छानबीन का काम चलता रहा। हालांकि देर शाम तक प्रशासन और आयशर स्कूल परवाणू की ओर से एनडीआरएफ  की टीम को भी सर्च के लिए बुला लिया गया। दूसरे दिन घटना स्थल पर पहुंची एनडीआरएफ की टीम भी खाली हाथ लौटी। एसडीएम सोलन रोहित राठौड़ ने कहा कि बच्चे को ढूंढने के प्रयास लगातार किए जा रहे है। इसके लिए हरियाणा प्रशासन की भी मद्द ली गई है। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ की टीम को घटनास्थल का दौरा करवाया जा रहा है। अब एक्सपर्ट टीम ही इस मटमैले और तेज बहाव वाले पानी में हिमांशु की खोज करेगी। लापता हिमांशु का परिवार इस घटना से पूरी तरह सदमे में है। एक और जहां परिवार को इस बात का गम है कि उन्होंने इतनी बारिश में हिमांशु को स्कूल क्यों भेज दिया, तो दूसरी ओर हिमांशु की मां ममता देवी एक ही बात कह रही हैं कि उसे अपने बेटे से मिलना है। पिता माया दत्त भी बार-बार घटनास्थल पहुंच रहे हैं व लोगों से एक ही सवाल कर रहे हैं कि क्या उनका बेटा मिला या नहीं। दमकल विभाग परवाणू के अधिकारी कश्मीर सिंह ने कहा कि घटनास्थल से कौशल्या डैम तक करीब 12 किलोमीटर में यह नदी है। जिसके लगभग हर किनारे को 36 घंटे में छान मारा गया है। इसके बाद भी बच्चे का कोई पता नहीं चल सका है।