हिमाचल को शिक्षा के लिए 148 करोड़

केंद्र सरकार ने दी पहली ग्रांट; प्रदेश को विलय बजट पर किस्त जारी, सही ढंग से खर्च करने की भी नसीहत

शिमला  – हिमाचल प्रदेश के प्राइमरी और मिडल स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने व अन्य शिक्षण कार्यों के लिए केंद्र ने हिमाचल को 148 करोड़ की पहली ग्रांट दी है। यह ग्रांट भारत सरकार की ओर से जुलाई अंत में आ गई थी। अहम बात है कि  शिक्षा विभाग को यह बजट सही रूप से खर्च करना पड़ेगा। केंद्र सरकार ने भी शिक्षा विभाग के राज्य परियोजना निदेशालय को नसीहत दी है कि वह सही ढंग से बजट का इस्तेमाल करे और एमएचआरडी को इसका पूरा ब्यौरा भेजे। बता दें कि इस बार पहली बार प्रदेश के सरकारी स्कूलों और शिक्षकों पर खर्च होने वाले बजट को विलय बजट के रूप में स्कूलों को दिया गया है। उल्लेखनीय है कि जून में जब भारत सरकार के साथ पैब की बैठक हुई थी, तो बैठक में यह फैसला लिया गया था कि शिक्षा पर खर्च करने के लिए हिमाचल को 800 करोड़ की राशि एक साथ देने का प्रयास किया जाएगा। हैरानी की बात है कि भारत सरकार ने वादे के अनुसार आधी किस्त भी हिमाचल को बेहतर शिक्षा लिए अभी तक स्वीकृत नहीं की है। हालांकि शिक्षा विभाग को उम्मीद है कि इस साल वित्तीय वर्ष तक केंद्र वादे के मुताबिक पूरी राशि हिमाचल को देगा। बताया जा रहा है कि प्रदेश राज्य परियोजना निदेशालय भारत सरकार को यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट केंद्र को भेजेंगे और अधिकतर बजट की मांग की जाएगी। विभागीय जानकारी के अनुसार स्कूलों में सुविधाओं को लेकर जो प्रोपोजल तैयार किया गया था, उसके अनुसार प्रदेश को बजट की आवश्यकता है। जानकारी के अनुसार राज्य परियोजना निदेशालय ने भारत सरकार से मिले 148 करोड़ की राशि आठवीं तक छात्रों को मिलने वाली फ्री यूनिफार्म, मेंटेनेंस और शिक्षकों के वेतन के लिए जिलों को आबंटित भी कर दी है। पुख्ता सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निदेशालय को मिले बजट की आधी से ज्यादा राशि आबंटित कर दी गई है। बता दें कि पिछले वर्ष भी हिमाचल के राज्य परियोजना निदेशालय को काफी कम बजट केंद्र सरकार से स्वीकृत हुआ था।

कम बजट बांटना बनेगी चुनौती

प्रदेश को इतने कम बजट को स्कूल के विकास कार्यों, शिक्षकों के वेतन और शिक्षक एसोसिएशन को आबंटित करना एसएसए व आरएमएसए के लिए भी बड़ी चुनौती बना हुआ है। केंद्र की ओर से आए 148 करोड़ के बजट के बाद अब दूसरी इंस्टोलमेंट पर भी तलवार लटक गई है।