ज़िदगी भर की कमाई पानी में जहां देखो! वहां तबाही का मंज़र

धर्मशाला— कांगड़ा घाटी में लगातार हो रही बरसात से अब तक करोड़ों रुपए का नुकसान हो चुका है। भारी बारिश के कारण जिले के 36 परिवार बेघर हो चुके हैं, जबकि 174 घर बारिश के कारण बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। पानी के तेज बहाव में बहने और भू-स्खलन सहित अन्य आपदाओं के कारण जिला भर में 43 पशुओं की जान जा चुकी है और 175 से अधिक गोशालाओं को नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा 14 दुकानों व अन्य संस्थानों को भी इस बरसात से बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। जिला भर में पेयजल योजनाओं और सड़क मार्गों, बागबानी विभाग सहित विद्युत विभाग को भी अब तक करोड़ों रुपए का नुकसान झेलना पड़ चुका है। कांगड़ा जिला प्रशासन ने ऐसे परिवारों के लिए उपमंडल अधिकारियों के माध्यम से वैकल्पिक व्यवस्था के लिए तिरपाल व अन्य सहायता तुरंत प्रभाव से करने के निर्देश जारी किए हैं। इस बरसात में सबसे अधिक नुकसान कच्चे घरों में रहने वाले लोगों को उठाना पड़ा है। पठानकोट-मंडी एनएच सहित अन्य सड़कें भी घंटों बंद रहीं, जिससे पर्यटकों, छात्रों, कर्मचारियों एवं अन्य लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

ऊना— जिला ऊना में पिछले 24 घंटे में हुई मूसलाधार बारिश ने करीब 20 करोड़ रुपए की संपत्ति लील ली, जबकि एक दर्जन के करीब कच्चे मकान जमींदोज हो गए। इसके अलावा करीब एक दर्जन पशुशालाएं भी भारी बारिश के चलते ढह गई। उपमंडल अंब व बंगाणा में बारिश ने कहर बरपाया है। भारी बारिश से कच्चे मकानों व पशुशालाओं को तो नुकसान पहुंचा ही, जबकि ल्हासे गिरने से कई पेयजल योजनाओं तथा सड़कों को भी नुकसान पहुंचा है। कई मकानों में दरारें आई हैं, वहीं बरामदे व डंगे इत्यादि बैठने से मकानों को खतरा पहुंचा है। जिला में एक दर्जन पशुशालाएं भी बारिश की भेंट चढ़ गई है। आईपीएच, पीडब्ल्यूडी, बिजली व राजस्व विभाग में 20 करोड़ का नुकसान आंका गया है। बारिश के चलते पीडब्ल्यूडी विभाग का पांच करोड़ 70 लाख का नुकसान हुआ है। वहीं आईपीएच विभाग में बारिश से करीब तीन करोड़ सात लाख का नुकसान हुआ है। विद्युत विभाग को जिला में 5.70 लाख रुपए का नुकसान बारिश से हुआ है, जबकि बाढ़ नियंत्रण मंडल को दो करोड़ व राजस्व विभाग को 3.31 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

अभी हिमाचल घूमने का प्लान न ही बनाएं तो अच्छा

राज्य सरकार ने सैलानियों के लिए भी एडवाइजरी जारी की है। बाहरी राज्यों से आने वाले सैलानियों से आग्रह किया गया है कि मौसम खुलने के बाद ही प्रदेश के पर्यटन स्थलों में आएं। चूंकि देवभूमि के हर स्थल में बारिश जमकर तबाही मचा रही है। मार्ग बंद रहने से बागबानों को भी नुकसान पहुंच रहा है। बागबानों को तैयार फसलें मंडियों तक पहुंचाना मुश्किल हो गया है। भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं।