कहीं बैग फ्री तो कहीं बैग डे

दौलतपुरचौक—माह का चौथा शनिवार शिक्षा विभाग की ओर से बैग फ्री डे घोषित किया गया है। लेकिन अभी भी कई स्कूल मुखिया सरकार, शिक्षा विभाग के इन निर्देशों का पालन करने में अपनी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। इस शनिवार के चौथे माह में बैग फ्री डे के दौरान कई स्कूल इस दिवस को मनाना ही भूल गए। इसके चलते 22 सितंबर को महीने का चौथा शनिवार कई स्कूलों में पढ़ाई तो कहीं मस्ती हुई। हालांकि बैग फ्री डे को लेकर स्कूल मुखियाओं को बाकायदा विभाग की ओर से निर्देश भी दिए गए थे। लेकिन उसके बावजूद भी कई स्कूल मुखिया इन निर्देशों को लेकर गंभीर नहीं दिखे। उधर, क्षेत्र के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पिरथीपुर और राजकीय उच्च पाठशाला डंगोह खास सहित कुछ अन्य स्कूलों में इस शनिवार को जहां बैग फ्री डे मनाया गया और विद्यार्थियों को प्रतिभाओं को दिखाने का भरपूर का खूब मौका मिला। पिरथीपुर स्कूल में जहां गीत गाने, भांगड़ा, गिद्दा, जोक्स और कविता वाचन की धूम रही। वहीं, डंगोह खास में लेमन रेस, गीत, गजल, भजन के इलावा जोक्स और एक्टिंग करने में विद्यार्थियों ने महारत दिखाई। लेकिन क्षेत्र के बहुत सारे ऐसे स्कूल रहे जहां विद्यार्थी नियमित रूप से बैग उठाकर स्कूल गए और पढ़ाई की। ऐसे स्कूलों के प्रशासक भूल गए कि आज बैग फ्री डे है। जिसका एक कारण यह भी रहा कि इस माह पांच शनिवार हैं और सरकार की तरफ से चौथे शनिवार को बैग फ्री मनाने के लिए कहा गया है। अधिकतर स्कूलों में चौथा शनिवार महीने के अंतिम शनिवार को समझा जाता है,यही वजह रही कि 22 सितम्बर को बैग फ्री डे की जगह स्कूलों में नियमित पढ़ाई हुई। उधर, पिरथीपुर स्कूल के प्रधानाचार्य गुरविंद्र पाल सिंह एवं राजकीय उच्च पाठशाला के इंचार्ज रणजीत सिंह ने बताया कि स्कूलों में बैग फ्री डे रखना सरकार का अच्छा निर्णय है और इस अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के आयोजन से विद्यार्थियों का ज्ञान वर्द्धन और संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास होता है और साथ ही उनको तनाव और उबाऊपन से मुक्ति मिलती है।