किडनियां फेल होने से गई युवक की जान

 शिमला —आईजीएमसी अस्पताल में 26 वर्षीय युवक की हुई मौत का कारण दोनों किडनियों का फेल होना सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है। आईजीएमसी के ऊपर फिलहाल लापरवाही का लग रहा दाग साफ हो गया है। मंगलवार को ही युवक की मौत के लिए जब परिजन चिकित्सकों को जिम्मेदार ठहराने लगे, तो अस्पताल में चार डॉक्टरों की टीम ने मरीज का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के बाद खुलासा हुआ, कि उक्त युवक की मौत इंजेक्शन देने से नहीं हुई, बल्कि उसकी दोनों किडनियां फैल हो गई थी। विश्वसनीय सूत्र बताते है कि रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि युवक के गुर्दे में निमोनियां भी बहुत ज्यादा फेल गया था। यही वजह रही कि पूरे शरीर में निमोनियां की अधिक मात्रा हो जाने की वजह से युवक नहीं बच पाया। फिलहाल आईजीएमसी प्रशासन की रिपोर्ट में तो साफ है कि युवक की मौत दोनों किडनियों के फेल होने से हुई है। परिजनों की संतुष्टि के लिए प्रशासन ने यही रिपोर्ट पैथोलॉजी विभाग और जुन्गा की फोरेसिंक लैब में भी भेजना का फैसला लिया है।  आईजीएमसी में युवक की हुई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई और पहलू भी सामने आए हैं। कहा जा रहा है कि युवक की जहां दोनों किडनियां फेल हो गई, वहीं उनका ब्लड युरिया भी जरूरत से ज्यादा बढ़ गया था। जानकारी के अनुसार किसी भी मरीज का युरिया 30 से उपर नहीं जाना चाहिए, जबकि  26 वर्षीय युवक का युरिया 50 से भी अप जा रहा था। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में हैरतअंगेज पहलू जो सामने आया है, वो यह है कि उक्त मरीज का क्रेटीनीन 2.5 तक हो गया था। चिकित्सकों के अनुसार अगर किसी मरीज का क्रेटीनीन इतना बढ़ जाए, तो उसकी अकास्मिक मौत हो सकती है। आईजीएमसी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से तो लगता है कि चिकित्सकों ने युवक को बचाने का पूरा प्रयास किया था, वहीं युवक की मौत एक्सपायर इंजेक्शन लगाने अस्पताल में सोमवार की शाम को 26 वर्षीय युवक ने अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड में दम तोड़ दिया था। परिजनों ने आरोप लगाया था, कि चिकित्सकों की लापरवाही से उन्होंने घर का चिराग खोया है। फिलहाल  ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट जुन्गा और अस्पताल के ही पैथेलॉजी विभाग में भेज दी है।