किराया बढ़ोतरी पर आर-पार

By: Sep 14th, 2018 12:01 am

हिमाचल परिवहन मजदूर संघ की मांग, न बढ़ाएं बस किराया

बिलासपुर, शिमला — हिमाचल प्रदेश में किराए में बढ़ोतरी के निर्णय पर हिमाचल परिवहन मजदूर संघ ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है। संघ ने प्रदेश सरकार से मांग उठाई है कि किसी दबाव में आकर किराया वृद्धि का निर्णय न लिया जाए। ऐसा करने से प्रदेश की जनता पर अनावश्यक बोझ पड़ेगा। प्राइवेट बस आपरेटरों को लाभान्वित करने के लिए सरकार को कोई और रास्ता निकालना चाहि। हिमाचल परिवहन मजदूर संघ के प्रदेशाध्यक्ष शंकर सिंह ठाकुर ने आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने पांच साल पहले एकमुश्त 30 प्रतिशत किराया बढ़ाकर आम जनता की जेब में डाका डालने का ही काम किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व परिवहन मंत्री अब उसी जनता के प्रति हमदर्दी जताते हुए किराया न बढ़ाने की बात कह रहे हैं। हिमाचल के इतिहास में पहली बार सर्वाधिक 30 प्रतिशत किराया बढ़ाने का श्रेय पूर्व परिवहन मंत्री जीएस बाली के ही नाम दर्ज है। उनका आरोप है कि उस समय भी इतनी बड़ी मात्रा में किराया बढ़ाने का फैसला उन्होंने प्राइवेट बस आपरेटर्स की मिलीभगत से ही लिया था, जबकि परिवहन कर्मचारी एकमुश्त 30 प्रतिशत किराया बढ़ाने के प्रबल विरोध में थे। उन्होंने कहा कि हिमाचल में एचआरटीसी प्रदेश की जनता को आवागमन की सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ अनेक सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करती आई है। प्राइवेट बस आपरेटर्ज की दो दिवसीय हड़ताल में परिवहन कर्मचारियों ने पूरी निष्ठा और लगन मेहनत से काम किया है। निगम के समस्त कर्मचारी प्रदेश सरकार और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर के साथ मिलकर चट्टान की तरह खड़े हो गए। प्रदेश सरकार को किराया बढ़ाने का फैसला किसी के दबाव में आकर नहीं लेना चाहिए जिससे प्रदेश की जनता की पीठ पर अनावश्यक बोझ पड़े। प्राईवेट बस आपरेटर्स को लाभान्वित कर ने के लिए टैक्स कम करने का रास्ता निकाला जाना चाहिए। परिवहन मजदूर संघ का प्रांतीय प्रतिनिधि मंडल जल्दी ही परिवहन मंत्री को ज्ञापन देकर उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत करवाएगा।

सत्ती बोले, जनहित ध्यान में रखकर बढ़ाया किराया

ऊना – प्रदेश में बस किरायों में वृद्धि की सैद्धांतिक सहमति के दौरान लोगों के हितों का भी ध्यान रखा गया है। यह बात भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कही। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पिछले 13 वर्षों के दौरान बसों के किराए में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी, जबकि इस दौरान डीजल की कीमतों में काफी बदलाव आया था। निजी बस आपरेटर यूनियन से इस मामले को लेकर प्रदेश सरकार की कई दौर की वार्ता हुई। यूनियन 50 प्रतिशत से अधिक किरायों में वृद्धि की मांग पर अडिग़ थी, जबकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व ट्रांसपोर्ट मंत्री के साथ हुई बातचीत के दौरान उन्हें 21 प्रतिशत किरायों में बढ़ोतरी तक मनाया गया है।

मुकेश ने कहा, डीजल के दाम में जल्द करें कटौती

ऊना – नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार जनता पर बोझ डालने की जगह डीजल के दाम कम करें। राज्य में डीजल पर वैट में कमी लाकर या फिर प्राइवेट बस आपरेटर्ज को डीजल में सबसिडी देकर सरकार लोगों को राहत दे सकती है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि भाजपा सरकार में महंगाई की मार से आम जनता पहले ही त्रस्त है। डीजल के दामों में वृद्धि से महंगाई बढ़ रही है। सरकार इस पर अंकुश लगाने में विफल हुई है। प्रदेश सरकार ने किराया बढ़ाकर महंगाई की आग में घी डालने का काम किया है। सरकार को किराया बढ़ाने के बजाया महंगाई पर अंकुश लगाने के विकल्पों पर विचार करना चाहिए था।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App