जयराम सरकार ने भरा राहुल की रैली का खर्च

शिमला — कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की हिमाचल में पिछले वर्ष हुई चुनावी रैली का खर्च राज्य सरकार ने उठाया है। पड्डल ग्राउंड में हुई इस रैली को पूर्व सरकार द्वारा गवर्नमेंट फंक्शन घोषित कर दिया गया था, जिसके चलते वर्तमान सरकार ने बसों की 72 लाख 12 हजार 617 रुपए की राशि चुका दी है। सात अक्तूबर, 2017 को मंडी में कांग्रेस रैली हुई थी, जिसमें कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लाने व ले जाने के लिए एचआरटीसी की 491 बसें हायर की थी। इनका किराया 72 लाख, 12 हजार के करीब बना था। इतना ही नहीं, राज्य सरकार उस रैली के आयोजन में प्रचार प्रसार के लिए इश्तिहार, फ्लेक्स और साज-सज्जा के भी तीन लाख 54 हजार 890 रुपए चुकाए हैं। राज्य सरकार ने कार्यक्रम की पेंडिंग राशि चार सितंबर को चुकाई है। बता दें कि पूर्व में कांग्रेस सरकार से रैलियों के लिए हायर की गई बसों का किराया चुकाने का मामला जोरों पर उठा था। हिमाचल परिवहन मजदूर संघ ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था, मगर तत्कालीन सरकार ने कांग्रेस रैलियों को सरकारी रैलियां घोषित कर दिया था। हिमाचल परिवहन मजदूर संघ ने इस पर रोष व्यक्त किया है और कांग्रेस की रैलियों में 72 लाख के बस किराए की वसूली कांग्रेस से करने की मांग उठाई है।

सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप

परिवहन मजदूर संघ के प्रदेशाध्यक्ष शंकर सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सरकारी मशीनरी का बुरी तरह से दुरुपयोग किया है। रैलियों में सैकड़ों बसों को झोंका गया, मगर किराए की अदायगी नहीं की गई।  उन्होंने कहा कि तीन अक्तूबर, 2017 को नरेंद्र मोदी की बिलासपुर रैली के लिए भाजपा ने 16 लाख रुपए जमा करवाए थे।

साढ़े 12 लाख रुपए की रिकवरी अभी बाकी

जानकारी के तहत कांग्रेस सरकार की आठ रैलियों के साढ़े 12 लाख रुपए की रिकवरी अभी बाकी है। संघ का कहना है कि इसकी वसूली राज्य सरकार न कर कांग्रेस से की जाए। जनता पर आर्थिक बोझ न डाला जाए।